हाल ही में देश में कई पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के व्हाट्सएप अकाउंट हैक हुए थे, जिसके बाद से ही सोशल मीडिया कंपनियों पर डाटा की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे थे। इतना ही नहीं हैकर्स भी अब एप, मैसेज और वीडियो के जरिए लोगों की निजी जानकारी लीक या चोरी करते हैं। अब बड़ी खबर सामने आई है कि दिग्गज सर्च इंजन कंपनी गूगल ने चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शाओमी के एक एप को ब्लॉक कर दिया है। Google ने प्ले स्टोर पर Xiaomi के ‘Quick Apps’ को प्ले प्रटेक्ट पॉलिसी के तहत ब्लॉक कर दिया है। गूगल ने यह कदम यूजर्स के डेटा की सेफ्टी के लिए उठाया है। हाल में कुछ शाओमी यूजर्स ने ट्विटर और Reddit पर क्विक ऐप्स के ब्लॉक होने की बात कहते हुए कुछ स्क्रीनशॉट्स को भी शेयर किया है। जब भी यूजर क्विक ऐप्स को सिस्टम ऐप अपडेटर से अपडेट करने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें एक मेसेज मिल रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि ये ऐप आपके डेटा को कलेक्ट कर सकता है और इसे आपको ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है। माना जा रहा है कि गूगल ने इस ऐप को 14 नवंबर को जारी किए अपडेट के साथ ही ब्लॉक कर दिया है।
गूगल ने नहीं दी ऑफिशल जानकारी
क्विक ऐप्स को ब्लॉक करने की पीछे की असल वजह क्या है इस बारे में गूगल ने अभी कोई ऑफिशल जानकारी नहीं दी है। हालांकि, इसे हाल में आई एक रिपोर्ट से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें कहा गया था कि शाओमी का क्विक ऐप्स ऐप स्मार्टफोन के 55 सिस्टम लेवल परमिशन्स को ऐक्सेस कर लेता है।
चोरी करता था यूजर्स की परमिशन
इसी साल अप्रैल में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि शाओमी का इस ऐप के पास परमिशन्स हैं जिससे कि वह बिना यूजर की जानकारी में आए डिवाइस में अनरजिस्टर्ड ऐप्स को इंस्टॉल कर देता है। इसके जरिए यह ऐप गोपनीय जानकारी जैसे IMEI, IMSI, SIM नंबर चुराने के साथ ही ऑडियो, विडियो और कॉल्स को भी रिकॉर्ड करता था। यह डेटा को सिस्टम में थोड़े समय तक स्टोर रखने के बाद इन्हें ऐड बेस्ड ऐनालिटिकल डैशबोर्ड तैयार करने के लिए सर्वर पर भेज दिया करता था। चोरी से लिए गए इन्हीं परमिशन्स के आधार पर शाओमी यूजर्स को लॉक स्क्रीन और ब्राउजर के साथ ही दूसरी जगहों पर भी जबरदस्ती ऐड दिखाया करता था।
सिक्यॉरिटी मजबूत करने की कोशिश में गूगल
यह ऐप अभी गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद नहीं है। हालांकि, यह शाओमी के MIUI इकोसिस्टम पर अभी भी मौजूद है। इसीलिए शाओमी यूजर इसे आसानी से अनइंस्टॉल नहीं कर सकते। ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोवाइडर होने के नाते गूगल स्मार्टफोन में मौजूद उन सभी ऐप्स को स्कैन करता है जो प्ले सर्विस का इस्तेमाल करते हैं। इस महीने की शुरुआत में ही गूगल ने तीन मोबाइल सिक्यॉरिटी कंपनी ESET, Lookout and Zimperium के साथ पार्टनरशिप में ‘App Defense Alliance’ तैयार किया है। गूगल ने इस बारे में कहा कि वह खराब ऐप्स को यूजर्स के डिवाइस तक पहुंचने से पहले रोकना चाहता है।