लखनऊ। नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के बाद लखनऊ में महिलाओं का धरना चरम पर है। लखनऊ के घंटाघर में प्रदर्शन कर रही महिलाओं में 159 के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद भी यह लोग घंटाघर पर डटी हैं। लखनऊ में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष जनसभा है, इसके बाद भी यहां पर महिलाओं का जोरदार विरोध जारी है। इसके खिलाफ सोमवार रात को मुकदमा भी दर्ज कराया गया है, इसके बाद भी इनका धरना-प्रदर्शन जारी है। तीन मुकदमों में 150 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसमें मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटियों सुमैया राणा और फोजिया राणा के खिलाफ भी एफआईआर लिखी गई। इनके अलावा पुलिस की एफआईआर में सैकड़ों अज्ञात लोगों का जिक्र है। पुलिस की कार्रवाई पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम कोर्ट जाएंगे। लखनऊ पुलिस ने धारा 147 के उल्लंघन को लेकर 18 नामजद लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। लखनऊ में महिलाएं 17 जनवरी से ही घंटा घर के नीचे नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं।
इसके बाद भी मंगलवार सुबह घंटा घर पर महिलाओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने सीएए कानून को वापस लेने की मांग की। सीएए और एनआरसी के विरोध में पुराने लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन शुक्रवार को शुरू हुआ था। बड़ी संख्या में महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ स्थित घंटाघर के सामने प्रदर्शन कर रही हैं। उनके साथ बच्चे भी हैं। इन महिलाओं का कहना है कि सरकार जब तक सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती है, तब तक वह अपना धरना समाप्त नहीं करेंगी।