केंद्र सरकार ने स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत इसकी शुरुआत से 23 मार्च तक 1.14 लाख से ज्यादा खातों में 25,586 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, योजना के तहत अनुसूचित जाति के 16,258 कर्ज मांगने वालों को 3,335.87 करोड़ रुपये और अनुसूचित जनजाति के 4,970 कर्ज मांगने वालों को 1,049.72 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए. इसी तरह सरकार ने योजना के तहत कर्ज मांगने वाली 93,094 महिलाओं को 21,200.77 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है. इस योजना की शुरुआत पांच अप्रैल, 2016 को की गई थी और इसे 2025 तक बढ़ा दिया गया है.
स्टैंड अप इंडिया योजना क्या है
स्टैंड-अप इंडिया योजना का उद्देश्य 10 लाख और 1 करोड़ के बीच कम से कम एक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) उधारकर्ता और ग्रीनफ़ील्ड स्थापित करने के लिए प्रति बैंक शाखा में कम से कम एक महिला उधारकर्ता को बैंक ऋण की सुविधा देना है.
स्टैंड अप इंडिया के लिए कौन पात्र है
आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए. केवल ग्रीनफील्ड परियोजनाएं ऋण योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं. गैर-व्यक्ति, जैसे मौजूदा फर्म और व्यवसाय, योजना के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. 51त्न शेयर होल्डिंग और फर्म के नियंत्रित करने वाले स्टेक या तो एससी / ए,ॉी और / या महिला उद्यमियों के पास होने चाहिए.
क्या स्टैंड अप इंडिया में कोई सब्सिडी है
क्या स्टैंड-अप इंडिया में कोई सब्सिडी है? उत्तर नहीं, इस योजना के तहत कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है. हालांकि, परियोजना लागत का 75 फीसदी तक का ऋण अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, साथ ही निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से आकर्षक ब्याज दरों पर दिया जाता है.