मंडी। स्पेशल पैरा फोर्स में नायब सूबेदार राकेश कुमार की पार्थिव देह के शहादत के दूसरे दिन भी दीदार नहीं हो पाए। रविवार शाम को राकेश के बलिदान होने की सूचना मिलने के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। बलिदानी राकेश ने रविवार सुबह अपनी पत्नी से अंतिम बार बात की थी और घर का हाल-चाल जाना था, लेकिन कुछ देर बाद उनकी शहादत की खबर पहुंच गई।
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दिसंबर में घर आने का राकेश ने वादा किया था और जनवरी में अपने बड़े भाई कर्म सिंह के साथ नए मकान का काम शुरू करने की बात कही थी। शहीद राकेश का मकान दो साल पहले बरसात से क्षतिग्रस्त हो गया था। अब नए मकान की तैयारी चल रही थी।
बलिदानी के घर दिन आते-जाते रहे लोग
रिश्तेदार और ग्रामीण बलिदानी राकेश की बूढ़ी मां, पत्नी और उसके बच्चों को सांत्वना दे रहे हैं। बरनोग गांव में बलिदानी के घर दिन भर लोगों का आना-जाना लगा रहा। गांव में मातम का माहौल है। सोमवार दोपहर बाद बलिदानी राकेश का पार्थिव शरीर जब मंडी जिला मुख्यालय के कांगनीधार हेलीपोर्ट पर पहुंचाया गया तो बरनोग गांव में माहौल और गमगीन होने लगा।
बाद में जब उनकी मंगलवार सुबह अंत्येष्टि की सूचना परिजनों को मिली तो दुख भरा इंतजार और बढ़ गया। कांगनीधार में पार्थिव देह को लेने के लिए बलिदानी के भाई व रिश्तेदार पहुंचे थे।
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परिजनों ने कर दी थी अंत्येष्टि की तैयारी
ग्रामीणों ने छम्यार के चैड़ा नाले में शहीद की अंत्येष्टि के लिए चिता की लकड़ी तैयार कर दी थी, लेकिन देरी होने से अंत्येष्टि का कार्यक्रम एक दिन और आगे चला गया। उधर, नाचन के विधायक विनोद कुमार सोमवार को सोलन से सीधा मंडी कांगनी हेलीपोर्ट पहुंचे और पार्थिव देह को पुष्पांजलि अर्पित की।