दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी ( जेएनयू ) के स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि छात्रों को फिलहाल पुरानी फीस के आधार पर ही रजिस्ट्रेशन करने की इजाजत दी जाए। अदालत ने कहा कि इन छात्रों से किसी भी तरह की लेट फीस भी नहीं ली जाएगी।
इससे पहले अदालत में जेएनयू छात्र संगठन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि फीस में बढ़ोतरी गैर कानूनी है। इसके साथ बताया गया कि जेएनयू की हाई लेवल कमेटी को होस्टल मैनुअल में बदलाव का अधिकार नहीं था।
जेएनयू प्रशासन ने जब कई छात्रों के फीस जमा करने की बात कही तो छात्रों की पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने कहा कि बच्चों ने दबाव में आकर डर के कारण फीस जमा की है। कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रशासन को बढ़ी फीस वापस तो लेनी ही चाहिए जिन छात्रों से पैसे लिए हैं, उन्हें भी लौटाना चाहिए। उन्होंने ड्राफ्ट हॉस्टल मैनुअल पर कोर्ट से स्थगन की मांग भी की।