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पूर्वजों कि स्मृति में ज्ञान दान ही सर्वोच्च दान- उमानंद शर्मा

हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी एण्ड रिसर्च बीकेटी में स्थापित किया गया 374वाँ युगऋषि ऋषि वाङ्मय

लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत “हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी एण्ड रिसर्च बी.के.टी. लखनऊ” के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 374वाँ ऋषि वांड़मय की स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट गायत्री मंदिर इन्दिरा नगर लखनऊ के विशेष सचिव गृह उप्र शासन वी.के. सिंह ने अपने पूज्य पिता स्व. राम सिंह की स्मृति में तथा उमानंद शर्मा ने छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों को अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की।

इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि “पूर्वजों की स्मृति में ज्ञान-दान सर्वोच्च दान है” हर जीवन जागृत आत्मा को ज्ञान यज्ञ के क्षेत्र में पुरुषार्थ करना चाहिये। इस अवसर पर पी.डब्लू.डी. के पूर्व ई.एन.सी. वी.के. श्रीवास्तव, डॉ. नरेन्द्र देव, वी.के. सिंह संस्था के चेयरमैन दिलीप सिंह बाफिला, फार्मा के निदेशक डॉ. अमित वर्मा, ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस अवसर पर उमानंद शर्मा, वी.के. श्रीवास्तव, डॉ. नरेन्द्र देव, ऊषा सिंह, विशेष सचिव गृह उ.प्र. शासन वी.के. सिंह एवं संस्था के चेयरमैन दिलीप सिंह बाफिला, वॉयस चेयरमैन विक्रम सिंह बाफिला, सचिव साधना बाफेला, कार्यकारी निदेशक समता बाफेला, इंजीनियरिंग के निदेशक डॉ. प्रतीश सक्सेना फार्मा के निदेशक डॉ. अमित वर्मा, सहित छात्र-छात्रायें, संकाय सदस्य मौजूद थे।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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