चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए गलवान घाटी में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उनके पिता बी उपेंद्र ने कहा कि वो इससे संतुष्ट नहीं हैं। पिता ने कहा कि दुश्मन के खिलाफ उनके बेटे ने जिस अदम्य साहस का परिचय दिया, उसके लिए उन्हें परमवीर चक्र प्रदान किया जाना चाहिए था। बता दें कि परमवीर चक्र सेना को वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
शहीद कर्नल संतोष बाबू के पिता ने कहा कि इसका मतलब ये नहीं कि वे नाखुश हैं, बल्कि वो 100 फीसदी संतुष्ट नहीं हैं। शहीद के पिता ने कहा कि उनके बेटे को और बेहतर तरीके से सम्मानित करने की गुंजाइश थी। शहीद कर्नल संतोष बाबू के पिता बी उपेंद्र की प्रतिक्रिया पर हालांकि सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। बी उपेंद्र ने कहा कि जिस समर्पण और साहस का परिचय उनके बेटे ने दिया है, उससे सशस्त्र सेना के जवानों का हौसला बढ़ेगा और वे संतोष बाबू से प्रेरणा ले सकेंगे।
बता दें कि कर्नल बाबू 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे जब उनके साथ ही 20 सैन्य जवानों और अधिकारियों पर चीनी सेना ने गलवान घाटी में हमला किया था। इन सभी की शहादत पर पूरे देश ने शोक मनाया था। साथ ही चीन के खिलाफ गुस्से का इजहार किया गया था, जो आज भी जारी है। घटना में कई भारतीय सैनिक घायल भी हुए थे। हिला देने वाली ये घटना 15 जून 2020 को घटी थी।
शहीद के पिता बी उपेंद्र के मुताबिक उनके बेटे लद्दाख में मौसम की विषम परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढालने की कोशिश कर रहे थे। मुश्किल समय में भी चीनी सेना के खिलाफ उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया था। बी उपेंद्र ने जोड़ा की उनके बेटे और बाकी शहीदों ने जान देकर साबित किया कि भारत पड़ोसी मुल्क चीन से कहीं अधिक ताकतवर है। शहीद कर्नल संतोष बाबू के परिवार के मुताबिक उन्हें केंद्र सरकार से कुछ भी अतिरिक्त लाभ नहीं मिला। शहादत के बाद विभागीय प्रावधानों के अनुसार ही उनके परिवार को मदद मुहैया कराई गई।
इधर तेलंगाना सरकार ने शहीद के परिवार की भरपूर मदद की। शहीद की पत्नी को राज्य सरकार ने ग्रुप-1 अधिकारी की पोस्ट दी। इसके अलावा 5 करोड़ की बड़ी धनराशि भी शहीद की पत्नी को दिया गया। राज्य की केसीआर सरकार ने शहीद के परिवार को रिहायशी इलाके में प्लॉट भी उपलब्ध कराया।