देश में बैंकों के तेजी से बढ़ते हुए व्यापार पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें अनावश्यक रूप से वृद्धि ना करने की हिदायत दी है। सीतारमण ने कहा कि बैंकों को अपने व्यापार का विस्तार करते समय सभी पहलूओं पर गौर करना चाहिए। दरअसल निर्मला सीतारमण तमिलनाडु में सिटी यूनियन बैंक के 116वें स्थापना दिवस में शिरकत करने गईं थी।
जहां कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि, बैंक जैसी संस्थाओं को विस्तार से पहले अपनी मजबूती और कमजोरी दोनों ही पहलूओं पर अच्छे से विचार करना चाहिए। सीतारमण ने बैंकों को हिदायत दि कि वे अपनी केंद्रीय शक्तियों को समझकर आम लोगों के लिए कई लाभदायक सेवाएं प्रदान करें। अपने संबोधन में सीतारमण ने कहा कि “बैंक जैसी संस्थाओं के लिए व्यापार का विस्तार का ट्रेंड सा चल गया है। सब ये चाहते हैं कि मेरे कारोबार का पैमाना बढ़ते रहना चाहिए। आज दोगुना है कल तिगुना हो जाना चाहिए। आज एक राज्य में है कल कई राज्यों में होना चाहिए, लेकिन इस बीच ये संस्थाएं अपनी बुनियादी मजबूती और कमजोरी का अंदाजा नहीं लगाते”।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बैंक के विस्तार पर भारतीय रिजर्व बैंक जैसी संस्थाओं की अहम भूमिका होती है। बैंकों को नयी शाखा खोलने के लिए नियामक से मंजूरी लेनी होती है। उन्होंने कहा कि देश में “बैंक” शब्द के नाम पर शक होने लगा है। ऐसे माहौल में सिटी यूनियन बैंक पिछले 115 सालों से अपना काम कर रहा है।