लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन ने शिक्षिका रही है. उनका यह भाव आज भी देखने को मिला. वह नेशनल इन्टर कोलेज का निरीक्षण करने गई थी. इस दौरान वह क्लास रूम में गई. पता चला एक छात्र अनुपस्थित है. उन्होने उसका फोन नंबर मिलवाया, उससे बात की. कक्षा से अनुपस्थित छात्र को स्वयं फोन पर बात कर अनुपस्थित रहने का कारण पूछा. स्कूल में उपस्थित होने के लिए कहा. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जिस दिन वे अनुपस्थित रहेंगे, उस दिन का पढ़ाया गया पाठ उनके शिक्षण से छूट जायेगा और छूटे हुए पाठ की शिक्षा के लिए अन्यत्र व्यवस्था विद्यार्थियों के पास सुलभ नहीं है।
निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने स्कूल की कक्षाओं, सभागार, शिक्षक हेतु स्टाफ रूम,लैब स्टोर रूम का अवलोकन किया. उन्होंने कक्षाओं में जाकर उपस्थित विद्यार्थियों से उनकी गतिविधियों, शिक्षा के प्रति सजगता, पारिवारिक विषयों तथा स्कूल आवागमन के साधनों की जानकारी ली. विद्यार्थियों से बात करते हुए राज्यपाल ने उन्हें प्रतिदिन विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कक्षा में पंजीकृत विद्यार्थिर्यों और उपस्थित विद्यार्थियों की संख्या को अलग-अलग ब्लैक-बोर्ड पर अंकित करवाया तथा विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे प्रतिदिन इसी प्रकार उपस्थित सहपाठियों का अंकन स्वयं करेंगे।
शिक्षकों हेतु बने स्टाफ रूम का निरीक्षण करते हुए राज्यपाल ने अव्यवस्था पर अप्रसन्नता जाहिर की. उन्होेंने निर्देश दिया कि स्टाफ रूम में एक फस्ट-एड-बॉक्स की व्यवस्था रखी जाए, जिससे आवश्यकता होने पर विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को आकस्मिक उपचार सहायता प्रदान की जा सके. उन्होंने कला शिक्षिका से कार्य की जानकारी लेते हुए स्टाफ रूम में रखे कला-पटों, पेन्टिंग आदि को स्कूल की दीवारों पर प्रदर्शित करने का निर्देश दिया।
राज्यपाल ने विद्यालय के सभागार में धूल से भरी बेंचों पर भी अप्रसन्नता जाहिर करते हुए विद्यालय परिसर को साफ-सुथरा रखने को कहा. उन्होेंने कहा कि विद्यालय परिसर को सुन्दर रखने में विद्यार्थियों की प्रतिभागिता भी रखी जाए।
राज्यपाल ने निरीक्षण के दौरान स्टोर रूम में रखे कबाड़ को देखकर रोष व्यक्त किया ओर कबाड़ का निस्तारण कराकर सुव्यवस्थित करने का निर्देश दिया. उन्होंने विद्यालय की सभी लैब और उनमें उपलब्ध संसाधनों को देखा.कक्षा सात के विद्यार्थियों से उनके ड्राइंग कार्य के बारे में पूछा. छोटे बच्चों के बेहतरीन कला कार्य को देखकर राज्यपाल ने प्रधानाचार्य से प्रतिभाशाली छात्रों को प्रतिभा-प्रदर्शन के बेहतरीन अवसरों से जोड़ने को कहा।