भारतीय हॉकी टीम को तीन गोल्ड मेडल जिताने वाले हॉकी के दिग्गज बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार की सुबह निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे. पारिवारिक सूत्रों ने बताया था कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद से वह वेंटिलेटर पर थे. उनके विभिन्न अंगों पर असर पड़ा रहा था.
जानकारी के अनुसार बलबीर सिंह सीनियर को आठ मई को वहां भर्ती कराया गया था. वह 18 मई से अर्ध चेतन अवस्था में थे और उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया था. उन्हें फेफड़ों में निमोनिया और तेज बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मोहाली के फोर्टिस अस्पताल के डायरेक्टर अभिजीत सिंह ने उनकी मौत की पुष्टि की. 95 वर्ष के बलबीर सिंह सीनियर को पिछले साल भी सांस संबंधी तकलीफ के कारण कई सप्ताह चंडीगढ के पीजीआईएमईआर में बिताने पड़े थे.
बलबीर सिंह सीनियर ने लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलिंपिक में भारत के स्वर्ण पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई थी. हेलसिंकी ओलिंपिक में नेदरलैंड्स के खिलाफ 6-1 से मिली जीत में उन्होंने पांच गोल किए थे और यह रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है. वह 1975 विश्व कप विजेता भारतीय हॉकी टीम के मैनेजर भी रहे थे.
बलबीर सिंह सीनियर सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के सबसे बड़े खिलाडिय़ों में शामिल हैं. देश के महानतम एथलीटों में से एक बलबीर सीनियर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा चुने गए आधुनिक ओलिंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपियनों में शामिल थे.