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गमगीन माहौल में हुआ एक ही परिवार के पांच सदस्यों का अंतिम संस्कार

• परिजनों, रिस्तेदारों व सैकड़ों लोगो ने नम आँखों से दी परिवार के पांचों सदस्यों को अंतिम विदाई

उत्तर प्रदेश में औरैया जिले के थाना ऐरवाकटरा क्षेत्र के गांव शेखूपुर निवासी एक परिवार के पांच सदस्यों की सोमवार को कन्नौज जिले में लखनऊ -आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुए सड़क हादसे में मौत हो गयी थी। मंगलवार को दोपहर बाद पांचों मृतकों (पति, पत्नी, पुत्र, गर्भवती पुत्रवधू एवं नाती) का गांव में ही गमगीन माहौल में सैंकड़ों नम् आंखों के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया है। अंतिम संस्कार के समय औरैया जिले के सपा नेताओं के साथ सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

गमगीन माहौल में परिवार के पांच सदस्यों का अंतिम संस्कार

आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि थाना ऐरवाकटरा क्षेत्र के गांव शेखूपुर निवासी युवा सपा नेता एवं पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राहुल सविता 28 मई को परिवार सहित लखनऊ में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गये हुए थे।

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शादी समारोह में शामिल होने के बाद राहुल अपने पिता कृष्ण मुरारी (60 वर्ष), माता आशा देवी (55 वर्ष), गर्भवती पत्नी लक्ष्मी (30 वर्ष), पुत्र अयांश (7 वर्ष), बहन सोनम (15 वर्ष) व भाई राम जीवन (18 वर्ष) को साथ लेकर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से कार से अपने गांव वापस लौट रहा था। उनकी कार एक्सप्रेस-वे पर कन्नौज जिले के थाना तिर्वा में पड़ने वाले फगुवा भट्ठा के समीप माइल स्टोन 195 के समीप पहुंची थी कि तभी चालक को झटकी लगने से कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा कर पलट गयी और उसके परखच्चे उड़ गये।

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हादसे में परिवार के सभी सदस्य कार में फंस‌ गये। जिन्हें यूपीडा व पुलिस फोर्स कार को काटकर बाहर निकाला तब तक राहुल, उनके पिता कृष्ण मुरारी, माता आशा देवी व पुत्र अयांश की मौत हो चुकी थी। जबकि राहुल की राहुल की गर्भवती पत्नी लक्ष्मी, बहन सोनम व भाई राम जीवन गंभीर रूप से घायल हो गये। जिन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज तिर्वा में भर्ती कराया गया। जहां से लक्ष्मी को लखनऊ एवं सोनम व रामजीवन को कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया, जहां सन्नम की हालत गंभीर बनी हुई है।

गमगीन माहौल में परिवार के पांच सदस्यों का अंतिम संस्कार

वहीं देर रात्रि उपचार के दौरान लखनऊ में लक्ष्मी की भी मृत्यु हो गयी। जिससे मृतकों की संख्या पांच हो गयी। कन्नौज में देर शाम चारों मृतकों का पोस्टमार्टम चल रहा था। तभी लक्ष्मी का भी शव पोस्टमार्टम के लिए कन्नौज लाया गया। रात्रि में लक्ष्मी के शव के हुए पोस्टमार्टम के दौरान डाक्टरों ने पाया कि वह छह माह की गर्भवती थी। पांचों शवों के पोस्टमार्टम के बाद उन्हें एक साथ गांव शेखूपुर लाया गया। पांच शवों को एक साथ देख परिजनों व रिश्तेदारों में कोहराम मच गया। वहीं वहां पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गयी।

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सपा के सक्रिय कार्यकर्ता एवं उसके परिजनों की मौत से दु:खी विधायक प्रदीप यादव, पूर्व मंत्री विनोद यादव कक्का, सपा के प्रदेश मंत्री देवेश शाक्य, जिलाध्यक्ष सर्वेश गौतम, पूर्व जिलाध्यक्ष राजवीर यादव, रामपाल सिंह यादव, एवं आसपास के सपा नेता शेखूपुर पहुंचे जहां पर उन्होंने शवों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद परिजन, रिश्तेदार एवं सैकड़ों की संख्या में मौजूद ग्रामीण पांचों शवों को अंतिम संस्कार के लिए निजी खेतों पर ले गये। जहां पर दोपहर बाद कुछ दूरी‌ पर अलग अलग चिता बनाकर शोकाकुल माहौल में चारो लोगों का अंतिम संस्कार किया गया व राहुल के 7 वर्षीय पुत्र को दफनाया गया।

गमगीन माहौल में परिवार के पांच सदस्यों का अंतिम संस्कार

इस दौरान हर आंख नम दिखी। थाना बिधूना क्षेत्र के गांव रूरूखुर्द में राहुल की ननिहाल है। राहुल के मामा रजपाल सविता के बेटे दीपचंद्र (दीपू) की आज (मंगलवार) को बारात जानी है। सोमवार को मंडप था। राहुल व उसके परिवार के सदस्य भी लखनऊ से लौटकर सीधे रूरूखुर्द जाने वाले थे। जबकि राहुल की दो बहनें खुशबू व गीता सोमवार की सुबह ही रूरूखुर्द पहुंच गयीं थी। घटना की जानकारी होते ही वह भी घटना स्थल पर पहुंच गयीं थीं।

गमगीन माहौल में परिवार के पांच सदस्यों का अंतिम संस्कार

कृष्ण मुरारी के दो बेटे एवं चार बेटियां थीं। जिनमें दो बेटियों बड़ी खुशबू व दूसरे नम्बर की संगीता एवं राहुल की शादी हो चुकी थी। दो बेटियां गीता व सोनम एवं एक बेटा राम जीवन अविवाहित हैं। भरे पूरे परिवार पर अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। राहुल की शादी जिला मुख्यालय ककोर के पास स्थित गांव भटपुरा में थी। पत्नी लक्ष्मी के कोई भाई बहन नहीं थे। जिस कारण उसे ससुराल में सम्पत्ति मिली हुई थी। जिस कारण वह पत्नी के साथ अधिकांश समय ससुराल में रहता था। इसके अलावा सपा का सक्रिय सदस्य होने के चलते वह अक्सर लखनऊ रहना होता था।

गमगीन माहौल में परिवार के पांच सदस्यों का अंतिम संस्कार

मृतक कृष्ण मुरारी चार भाई थे। तीन में एक भाई आशाराम इटावा में बारबरी का काम, एक भाई वेदराम दिल्ली में मेडिकल स्टोर पर नौकरी करते हैं। दोनों के परिवार इटावा में ही रहते हैं। जबकि तीसरा भाई लज्जाराम नोएडा में परिवार सहित रहता है और वह वहां पर सिक्योरिटी में काम करता है। चारों भाइयों के पास 10-12 बीघा भूमि है। जिस पर खेती किसानी कर कृष्ण मुरारी अपने परिवार का भरण पोषण करते थे।

रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन

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