ककुवा ने प्रपंच का आगाज करते हुए कहा- चतुरी भइय्या, आप क्यार आंकलन सही रहा। आप पहिलेन कहे रहव कि यूपी म यहौ चुनाव जात/धरम पर होई। विकास अउ कल्याण केरी कौनिव बाति न होई। दस तारीख ते मतदान शुरू होय जाई। चुनाव परचार अपने चरम प हय। भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा सहित सबय पारटी जात/धरम पय उतर आई हयँ। बुलडोजर बाबा योगी आदित्यनाथ पच्छमी यूपी म गर्मी शांत कय रहे। चौधरी चरण क पोता जयंत चौधरी चर्बी उतार रहा। मुलायम पूत अखिलेश यादव मुस्लिम-मुस्लिम गुहार रहे। कांशीराम चहेती मायावती अपन वहय पुरान राग अलाप रही। इंदिरा क पोती प्रियंकव जात/धरम पय उतारू हय। हैदराबाद ते आवा ओवैसी अपन मुस्लिम कार्ड खेलिन रहा हय। कौनव नेता विकास केरी बाति करत द्याखय नाय परत।
चतुरी चाचा अपने चबूतरे पर कम्बल ओढ़े बैठे थे। चबूतरे के पास अलाव धधक रहा था। ककुवा, बड़के दद्दा, मुंशीजी व कासिम चचा अलाव घेर कर बैठे थे। पुरई अलाव में लकड़ियां बढ़ा रहे थे। कड़कड़ाती ठंड के बावजूद गांव के बच्चे कबड्डी खेल रहे थे। आज सुबह फिर धूप नहीं निकली थी। लेकिन, तेज हवा और बारिश से निजात मिली हुई थी। मेरे प्रपंच चबूतरे पर पहुंचते ही ककुवा ने बतकही शुरू कर दी। ककुवा विधानसभा चुनाव में आमजन की चर्चा न होने से दुःखी थे। उनका कहना था कि सारे नेता मतदाताओं को बांटने के लिए जाति/धर्म से जुड़ी बातें कर रहे हैं। कोई किसी की गर्मी उतारने की बात कह रहा है। कोई किसी की चर्बी उतार लेने की बात बोल रहा है। हर कोई हिन्दू-मुस्लिम, अगड़ा-पिछड़ा, दलित-वंचित कर रहा है। सभी राजनैतिक दलों के नेता अंग्रेजों की ‘बांटों और राज करो’ कुनीति का अनुसरण करते नजर आ रहे हैं।
चतुरी चाचा ने ककुवा की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- सारा दोष नेतन का देब ठीक नाइ हय। नेता जनता क नब्ज टटोल लेत हयँ। फिरि उई वहय भासा बोलत हयँ। हम मतदातान पय जात/धरम केरा भूत सवार रहत हय। हम सब जने खुदय वोट बैंक बन जाइत हय। नेता यही का हर दांय भुनाय लेत हयँ। हम पंच कयू दफा जात/धरम मा परि जाइत हय। नीक कामु करय वाली पारटी का हारय देइत हय। विघटनकारी दल का जितय देइत हय। हम सभे बादिम भोग भुगतित हय। हम सभेका समाजु का एकजाई राखय वाले अउ सबका भला करय वाले दल का वोट देय क चही। नेता हमते हयँ, हम नेतन ते नाइ। हम तौ यहै कहित हय कि सब जने जात/धरम ते ऊपर उठि कय मतदान करव। सब जने शत-प्रतिशत मतदान करव। जौ कौनव उम्मीदवार समझ न आवै तौ नोटा वाला बटन दबाय देव। मुला, अपन मत जरूर डारव। हम पँचन का लोकतंत्र म यहै सबसे बड़ा अधिकार मिला हय। हमरी सबसे बड़ी ताकत मताधिकार हय। यहिका उपयोग जरूर करव।
इसी बीच चंदू बिटिया प्रपंचियों के लिए जलपान लेकर आ गई।
आज जलपान में भुने चना, लाई और गुड़ था। साथ में, हमेशा की तरह कुल्हड़ वाली स्पेशल चाय थी। जलपान के बाद पँचायत आगे बढ़ती। तभी पच्छे टोला से बड़को व नदियारा भौजी आ गईं। वे दोनों अपने खेत गोभी काटने जा रही थीं। चतुरी चाचा बड़को को देखते ही बोले- अरे! बड़को भउजी आजु अइसी निकर परिव! जब ते प्रधान तुमरी ख़ातिन नवा खड़ंजा लगवाये दिहिन। तब ते तुम युहु रास्तय छोड़ि दिहौ। बड़को बोली- हमरे टोला ते चकहार वाला गलियारा कच्चा रहय। प्रधान चारि महीना पहिले पक्का कराय दिहिन। हम पंचन का अब बड़ी आराम होय गय। आजु तुम पँचन ते मिलय ख़ातिन अइसी त निकरी हन। ककुवा ने लगे हाथ पूछा- बड़को, तुमरे मोहल्ले म किहका जोर हय? पिछली दफा तौ तुम पंच साइकिल चलय रहौ न? बड़को बोली- अबसिला पूरे गांव म योगी-मोदी चलि रहे। हम तौ कहित हय कि कौव्वा बोलय कांव-कांव, सपा-बसपा हारी गांव-गांव। इतना कहकर बड़को अपनी पतोहू के साथ खेतों की तरफ चली गईं।
कासिम चचा ने कहा- चुनाव में बड़ी आफत मची है। नेताओं की जबान बेलगाम हो चुकी है। नेतागण जगह-जगह जहर उगल रहे हैं। वे लोकतंत्र की मर्यादा तार-तार कर हैं। सब गाली-गलौच, मारपीट पर उतारू हैं। भीषण ठंड में सियासत का पारा ऊपर बढ़ता ही जा रहा है।
मुसलमानों के रहनुमा ओवैसी पर जानलेवा हमला कर दिया गया। वह शुक्रवार को हापुड़ से दिल्ली जा रहे थे। तभी दो युवकों ने टोल नाके पर उनकी कार को निशाना बनाया। उन पर चार राउंड फायर झोंके गए। परन्तु, ओवैसी साहब बाल-बाल बच गए। यह घटना बताती है कि उप्र में क्या चल रहा है? यूपी की कानून व्यवस्था कैसी है? अपराधी कहाँ पलायन कर गए? चुनाव के दौरान गोलियां चल रही है। यह लोकतंत्र को किस दिशा में ले जा रहे हैं?
बड़के दद्दा ने कासिम चचा का प्रतिरोध करते हुए कहा- मैं भी ओवैसी पर हमले की निंदा करता हूँ। लेकिन, जो जैसा बोएगा, वैसा ही कटेगा। ओवैसी देश के नए जिन्ना बन रहे हैं। वह सिर्फ मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं। हिंदुओं के खिलाफ कई वर्ष से जहर उगल रहे हैं।
योगी सरकार ने तीव्र कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा। वहीं, मोदी सरकार ने उन्हें तुरन्त ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैय्या करवाई। ओवैसी ने केंद्र सरकार की सुरक्षा को ठुकरा दिया। वह लोकसभा में बोले कि मुझे ए श्रेणी का नागरिक बनाओ। मुझे बुलेटप्रूफ गाड़ी और हथियार लेकर चलने की अनुमति दो। उनसे कोई पूछे कि तुम सांसद हो। तुम्हारा भाई विधायक है। तुम्हारे सारे सगे सम्बन्धी सत्ता का सुख भोग रहे हैं। तुम और तुम्हारा भाई देश को एक बार फिर हिन्दू-मुस्लिम में बांटने पर आमादा है। तुम पूरे देश में जा-जाकर भड़काऊ भाषण देते हो। तुम पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती है। आखिर तुम इससे भी ज्यादा क्या चाहते हो?
मुंशीजी ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- पिछले 15 दिनों से मौसम बड़ा खराब है। बराबर ठंड, शीतलहर, बर्फबारी और आए दिन बारिश हो रही है। शुक्रवार को दिल्ली, पँजाब व जम्मू कश्मीर में भूकंप भी आया।
कुल मिलाकर जन मानस बेहद परेशान है। पशु-पक्षी बेहाल हैं। इधर, खेती में कुछ फसलों को छोड़कर सारी फसलों को नुकसान हुआ है। खराब मौसम के कारण उत्पादन घटने की आशंका है। इससे किसानों, खेतिहर मजदूरों और पशुपालकों में चिंता की लहर है। कोरोना महामारी के चलते सब लोग महंगाई और बेरोजगारी की मार पहले से ही झेल रहे हैं। गनीमत यह है कि मोदी और योगी सरकार हर मोर्चे पर लोगों को मदद पहुंचा रही है। अब मौसम ठीक होना बहुत जरूरी है। वरना, किसान बड़े घाटे में चला जाएगा।
मैंने कोरोना अपडेट हुए बताया कि विश्व में अबतक 39 करोड़ 15 लाख लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें 57 लाख 44 हजार लोग बेमौत मारे चुके हैं। इसी तरह भारत में चार करोड़ 21 लाख लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। देश में मौतों का आंकड़ा पांच लाख के पार जा चुका है। हालांकि, अब महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात व दिल्ली सहित 10 राज्यों में स्थिति सुधरने लगी है। वहीं, केरल में अभी कोरोना का कहर जारी है। देश में अबतक कोरोना टीके की 169 करोड़ से अधिक डोज लग चुकी हैं। भारत के करीब 73 करोड़ लोगों को कोरोना टीके की दोनों खुराक मिल चुकी है। देश के ज़्यादातर बच्चों (15 से 18 वर्ष) को वैक्सीन की पहली डोज लग गयी है। वहीं, कोरोना योद्धाओं को बूस्टर डोज युद्ध स्तर पर दी जा रही है। मार्च महीने से 12 से 15 वर्ष आयु वाले बच्चों को भी वैक्सीन लगने लगेगी।
भारत सहित पूरे विश्व में कोरोना का ओमिक्रोन वैरियंट आफत मचाए है। इसी बीच भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने इतिहास रचा है। यूपी में सभी वयस्कों को कोरोना टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। यहां 70 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। भारत में अभी भी तकरीबन सवा लाख नए कोरोना रोगी रोज निकल रहे हैं। कोरोना से मौतें भी रोज हो रही हैं। मास्क और दो गज की दूरी ही बचाव है। अंत में चतुरी चाचा ने प्रपंचियों को बसन्त पंचमी की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही के साथ फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!