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सरकार गठन के लिए सत्ता साझेदारी के फॉर्मूले पर बेनतीजा रही बैठक, PML-N और PPP में नहीं बन पाई सहमति

पाकिस्तान में आम चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद एक हफ्ते से भी ज्यादा का समय बीत चुका है। लेकिन अभी तक नई सरकार का गठन नहीं हो पाया है। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी के बीच गठबंधन सरकार के लिए सत्ता साझेदारे के फॉर्मूले पर बातचीत बेनतीजा रही। हालांकि, दोनों पक्षों ने चर्चा में महत्वपूर्ण प्रगति का दावा किया।

दोनों दलों की समन्वय समितियों के बीच शनिवार को तीसरी बैठक हुई। लेकिन यह बेनतीजा रही। दोनों ने सत्ता साझेदारी के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार यानी कल फिर बैठक करने का फैसला किया है। बैठक के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

पीएमएल-एन और पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) के एक साझा बयान में कहा गया, दोनों पक्षों की ओर से रखे गए प्रस्तावों पर चर्चा की गई और महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की गई। मामलों को अंतिम रूप देने के लिए आगे विचार-विमर्श की जरूरत है। पीएमएल-एन ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीमदवार घोषित किया है।

निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती सबसे ज्यादा सीट
आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 265 सीट में से 93 पर जीत हासिल की है। वहीं 75 सीट पर जीत के साथ पीएमएल-एन दूसरे नंबर पर रही। जबकि, 54 सीट के साथ पीपीपी तीसरे नंबर पर रही। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) भी उन्हें 17 सदस्यों का समर्थन देने के लिए राजी हो गया है।

बैठक में कौन-कौन रहे शामिल
सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 133 का आंकड़ा पार करना होगा। शनिवार को बैठक में पीएमएल-एन की ओर से पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार, सरदा अयाज सादिक, आजम नजीर तरार और मलिक मुहम्मद अहमद खान ने प्रतिनिधित्व किया। जबकि, पीपीपी की ओर से सिंध के पूर्व मुख्यमंत्री मुराद अळी शाह, सईद गनी, कमर जमान कैरा, नदीम अफजल चान और नवाब सनाउल्लाह जेहरी ने भाग लिया।

पीपीपी ने शर्त के साथ समर्थन का दिया आश्वासन
इससे पहले गुरुवार को बैठक हुई थी। इस बैठक में दोनों दलों के प्रतिनिधियों ने पहली बैठक में चर्चा किए गए प्रस्तावों का आकलन करने के लिए और समय मांगा था। पीपीपी ने इस शर्त पर पीएमएल-एन को सरकार गठन और अगला प्रधानमंत्री चुनने में अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया था कि बदले में उसे राष्ट्रपति सहित कई अहम संवैधानिक पद मिलेंगे। पीपीपी ने यह भी घोषणा की थी कि केंद्र में पीएमएल-एन के समर्थन के बावजूज पार्टी संघीय मंत्रिमंडल में कोई मंत्रालय नहीं लेगी।

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