नई दिल्ली। आगामी 28 सितंबर को भारतीय नौसेना में अधिकारिक तौर पर भारत में निर्मित कलवरी क्लास की दूसरी सबमरीन आईएनएस खांदेरी (INS KHANDERI) को शामिलकर लिया जाएगा। इसके साथ ही एक स्वदेशी स्टेल्थ फ्रिगेट को समुद्र में उतारा जाएगा। यह फ्रिगेट शिवलिक क्लास फ्रिगेट के फॉलोऑन ऑर्डर में पहला है, इस तरह के कुल 7 फ्रिगेट बनाए जाएंगे जिनमें 4 को मुंबई स्थित मझगांव डॉक में और 3 को कोलकाता के GREC में बनाया जाएगा।
भारत ने शिवालिक क्लास स्टेथ फ्रिगेट का प्रोग्राम 2000 में शुरू किया था और 2010 से लेकर 2012 तक इस तरह के तीन फ्रिगेट नौसेना में शामिल किए गए थे।सारे फ्रिगेट स्टेल्थ तकनीक से लैस हैं यानि दुश्मन के रडारों के लिए इन्हें देख पाना संभव नहीं होगा।इनमें दुश्मन के हमलों से बचने के लिए बराक मिसाइलें के अलावा ब्रह्मोस मिसाइलें भी लगी हैं जिनसे दुश्मन के जहाज़ों के अलावा ज़मीन पर दुश्मन के ठिकानों पर भी सटीक हमला किया जा सकता है।
फ्रिगेट 52 किलोमीटर प्रतिघंटे यानी 28 नॉटिकल माइल की रफ्तार से चल सकते हैं और एक बार में लगभग 10000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं। इनमें 2 हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं।
कलवरी क्लास की पहली सबमरीन को 14 दिसंबर 2017 में नौसेना में शामिल किया गया था। यह सबमरीन फ्रांस के सहयोग से बन रही है और इनकी गिनती दुनिया की बेहतरीन सबमरीन में की जाती है। समुद्र के अंदर यह 37 किलोमीटर प्रति घंटे (20 नॉटिकल माइल) और सतह पर 20 किलोमीटर (11 नॉटिकल माइल) की रफ्तार से चल सकती हैं।