लखनऊ। गाइड समाज कल्याण संस्थान द्वारा “विश्व आत्महत्या निवारण दिवस” की पूर्व संध्या पर एक जागरूकता गोष्ठी आयोजित का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की संयोजक व संस्था प्रमुख डॉ. इन्दु सुभाष ने कहा कि आज सामाजिक विसंगतियों के चलते टूटते परिवारों में अकेलेपन की समस्या हर उम्र में है और आत्मघाती प्रवत्ति युवाओं में सबसे ज्यादा है। जो लोग रिश्तों में टूटन, नशे का सेवन, प्रियजनों की हानि, बेरोजगारी, गरीबी से परेशान हो आत्महत्या कर लेते हैं। इसी समय यदि उन्हें सही परामर्श मिल जाये तो उनकी जान बचायी जा सकती है तथा सकारात्मक सोच व ऊर्जा के साथ वे एक सुंदर जीवन जीते है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद प्रोफo पी.के. दलाल जी ने कहा, आत्महत्या निवारण के सटीक उपाय समय पर मानसिक रोग का निदान व चिकित्सा है। जिसमें रोगी के मित्र, परिजन के स्नेह व धैर्य उसके लिए अमृत का काम करते है। निःसंदेह सलाह परामर्श का भी बड़ा योगदान होता है। संस्था द्वारा स्थापित संयुक्त परिवार परामर्श केंद्र एवं पुरुषों के लिए विशेष परामर्श केंद्र के स्थापन कार्य की प्रशंसा की।
विशिष्ट अतिथि एम.सी. द्विवेदी ने कहा कि आत्महत्या अवसादग्रस्त व्यक्ति करता है। अवसाद का कारण अकेलेपन की भावना, अत्यन्त अपमानित होने का अहसास अथवा भविष्य के विषय में घोर नैराश्य होता है। जैसे परिवार से दूर रहने वाले सिपाही रात में सन्तरी ड्यूटी पर, असफल होने पर ताने मारे जाने पर छात्र, नौकरी न मिलने अथवा फसल खराब होने पर किसान।
विशेष अतिथि अभिषेक शुक्ला ने कहा कि वृद्धावस्था में आदमी की शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक संसाधनों में कमी आ जाती है। सथ ही आर्थिक संसाधनों में भी कमी आती है,इन्ही कारणों से वृद्ध पर प्रतिकूल मानसिक प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण वह डिप्रेशन में चले जाते हैं और कई बार आत्महत्या करने का कदम उठाते हैं।
बरेली से आये सारथी फउंडेशन के गुरुसेवक ने बताया कि उनके ऊपर झूंठे मुकदमे उनकी पत्नी ने किए और बेटे को भी ले गई। अपने परिवार के टूटने से वह गहरे अवसाद में चले गए, वो आत्महत्या करने की सोचने लगे, लेकिन मां, बहन व पिता द्वारा हिम्मत दिए जाने पर उन्होंने ना केवल केस लड़ा बल्कि दूसरों की सहायता के लिए संस्था स्थापित भी बना डाली।
भौतिकतावादी दृष्टिकोण के कारण
वरिष्ठ पत्रकार शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि आत्महत्या घर, परिवार और समाज की क्षति है। भारतीय समाज मे बढ़ते भौतिकतावादी दृष्टिकोण के कारण लोगों की मानसिकता में बदलाब आया है। बहुत कम समय में ज्यादा पाने की चाह में युवापीढ़ी का विशेष रूप से अहित हुआ। आत्महत्या की बढ़ी वजहों में एक यह भी है।
कार्यक्रम में संस्था के लीगल एडवाइजर सचिन उपाध्याय ने बताया कि घरेलु झगड़ों तथा झूठे मुकदमों के शिकार पुरुषों व उनके परिवार की सुरक्षा, सलाह व मार्गदर्शन के लिए Centre for Men’s Right Protection की शुरुवात आज से की जा रही है। जिसे संस्था के टोल फ्री नंबर 1800-180-0060 से जोड़ दिया गया है। कार्यक्रम में मौजूद आर.पी.सिंह ने DIAL100 द्वारा आत्महत्या करने जा रहे लगभग 1000 केसेस के रेस्क्यू के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में महती संख्या में शैक्षिक संस्थानों के विद्यार्थी व समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।