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आयुर्वेद में कैंसर के उपचार के दौरान रोगी को खानपान का रखना चाहिए ध्यान

आयुर्वेद में कैंसर को अर्बुद कहते हैं. इसमें मरीज की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति निर्बल होती है जिस कारण उसकी हालत आकस्मित से बेकार होने लगती है. शुरुआती अवस्था में इसकी पहचान हो जाए तो आयुर्वेदिक औषधियों एवं योगासनों से उपचार संभव है. आयुर्वेद में कैंसर के उपचार के दौरान रोगी को खानपान में ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए क्योंकि ये चीजें जठराग्नि को शांत करती हैं. जिससे पाचनतंत्र गड़बड़ाता है.

हजारों वर्ष पहले भी सर्जरी –
आयुर्वेद के अनुसार हजारों वर्ष पहले भी कैंसर के उपचार के लिए सर्जरी की जाती थी. सुश्रुत संहिता के 18वें अध्याय में कैंसर रोग के अतिरिक्त औषधियों, शल्य चिकित्सा  अग्निकर्म का भी वर्णन है. आचार्य धातु के औजारों को गर्मकर कैंसर कोशिकाओं को जलाते थे ताकि कैंसर दोबारा न हो .

खराब आहार-विहार –
इस रोग के कई कारण हैं. आयुर्वेद में बेकार आहार-विहार, प्रदूषित वातावरण, धूम्रपान और तंबाकू चबाने की लत, आनुवांशिकता के साथ शरीर का कई तरह के रेडिएशन के सम्पर्क में आना भी अहम कारण हैं.

रोग के लक्षण –
कमजोरी महसूस होना, तेजी से वजन कम होना, यूरिन, मल या खांसी में ब्लड आना, शरीर में खून की कमी, स्तन या शरीर के अन्य हिस्सों में गांठें बनना. इन लक्षणों के अनुसार तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए ताकि शुरुआती स्टेज पर रोग की पहचान हो सके.

योग-ध्यान भी महत्वपूर्ण –
प्राणायाम से कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोका जा सकता है. शरीर में ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए अनुलोम-विलोम कर सकते हैं. ध्यान रखें कि किसी भी तरह का योगासन या प्राणायाम करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

आयुर्वेदिक तरीका –
रोगी हर हालात में खुश रहें. भूख न लगे तो सौंठ, कालीमिर्च, अजवाइन, सौंफ और पीपल खा सकते हैं. रोहितक, फलत्रिकादि को गुनगुने पानी संग लें. शरीर को मजबूती मिलती है. याद्दाश्त बढ़ाने के लिए ब्राह्मी, मण्डूक पर्णी लें. उल्टी होने पर मयूरपिच्च भस्म देते हैं. कैंसर रोगी के लिए सत्व विजय चिकित्सा मददगार है क्योंकि गरम भोजन जल्द पचता है  मरीज को राहत मिलती है.

इनका रखें ध्यान –
कैंसर के उपचार में ठंडी तासीर वाली चीजों से परहेज करना चाहिए. फ्रिज का पानी या आइसक्रीम आदि न लें. इससे पेट की अग्नि शांत होती है  मरीज को भूख नहीं लगती जिनसे पाचन गड़बड़ा जाता है. ठंडी चीजों  तरल के अतिरिक्त भारी चीजें जैसे मक्का, बाजरा, चावल, आलू, उड़द से बना भोजन न करें. खाने में फाइबर  प्रोटीनयुक्त भोजन लेना चाहिए.

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