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बचाव व वैक्सिनेशन में विश्वविद्यालयों की भूमिका

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल कोरोना वैक्सिनेशन के लिए विश्वविद्यालयों को लगातार प्रेरणा दे रही है। इसी के साथ कोरोना से बचाव हेतु भी विश्वविद्यालय लोगों को जागरूक कर सकते है। इस प्रकार की पहल से विद्यार्थियों के साथ ही अभिभावक भी लाभान्वित होते है।

इससे समाज को भी जागरूकता का सन्देश मिलता है। वर्तमान परिस्थिति में यह कार्य अपरिहार्य है। इसके दृष्टिगत राज्यपाल ने कोरोना टीका उत्सव की शुरुआत से पहले कुलपतियों व कुलसचिवों के साथ वर्चुअल संवाद किया था। इसकी जानकारी उन्होंने उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल संवाद में दी थी। एक बार फिर आनंदीबेन ने विश्वविद्यालयों के कोरोना बचाव में योगदान का आह्वान किया है। उन्होंने अपेक्षा की कि संक्रामक रोगों और वैश्विक बीमारी के परिदृश्य को देखते हुए विश्वविद्यालय रोगों के निदान,कारणों, वैक्सीनोलोजी व अन्य प्रासंगिक रोगों का निदान हेतु नेतृृत्व करेंगें।

कोरोना के विरूद्व प्रतिरक्षण की हमारी लड़ाई जारी है अतः समस्त छात्र-छात्राओं उनके अभिभावको तथा विश्वविद्यालय परिवार की जिम्मेदारी बनती है कि कोरोना से बचाव हेतु ग्राम स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलायें तथा अधिक से अधिक लोगो को टीकाकरण हेतु प्रेरित करे। कुलाधिपति आनन्दी बेन पटेल ने महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली के दीक्षांत समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर बहुत तेजी से बढ़ रही है। हम सभी को इस महामारी के संक्रमण से बचने के लिए सभी जरूरी उपाय करना चाहिए। उन्होंने छात्र छात्राओं से कहा कि वे वैश्विक चुनौतियों के समय में शिक्षा जगत में हो रहे परिवर्तन पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए अर्जित किए हुए ज्ञान को जनकल्याण के लिये यथार्थ के धरातल पर रूपान्तरित करने की कला को विकसित करें।

युवा संसाधन के रूप में अवसर है। आप देश के सांस्कृतिक व भौतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाये रखते हुए देश को आगे ले जाने के लिए अपना योगदान कर सकते है।

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