रायबरेली/डीह। एक तरफ जहां सरकार किसानों की सुविधा के लिए लाखों करोड़ो रुपये खर्च कर नहरों की सफाई का कार्य कर रही है वही सरकार के नुमाइंदे सरकारी दिशा निर्देशों को ताक पर रख कर सरकार को बदनाम करने से बाज नही आ रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला डीह क्षेत्र का है जहां सिंचाई के लिए शारदा सहायक खण्ड 45 से निकली नहर डीह रजबहा में सफाई का टेंडर लगभग 8 किलोमीटर का करीब 4 लाख रुपये का हुआ। टेंडर के बाद ठेकेदारों द्वारा नहर की सफाई का कार्य कराया गया जो कि सफाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की गई। जहां नहर में सफाई के नाम पर मशीन द्वारा सिर्फ साइड कटिंग का ही कार्य कराया गया।जहां अनियमितता का आलम यह भी है कि कहीं कहीं काफी दूर तक एक साइड सफाई हुई ही नही।बीच बीच मे एक तरफ छोड़कर सफाई कराई गयी। जिनकी शिकायत एई आकाश से और जेई जितेंद्र से की गई तो उन्होंने बताया कि नहर सफाई का कार्य गुडवत्ता पूर्ण नही है। ठेकेदार को लेटर भेज दिया गया है। जब तक सफाई दोबारा नही होगी तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा।
यही नही डीह रजबहा से कई माइनर जैसे टेकारी माईनर, डेला माईनर ,नत्थे माईनर आदि माइनरों का भी यही हाल देखने को मिल रहा है। जहां सफाई नाम सिर्फ खानापूर्ति कर सरकारी धन का बंदरबांट जोरों पर किया गया है।वहीं क्षेत्रीय लोगों का कबना है कि क्षेत्र की किसी भी माइनर में टेल तक सफाई नही हुई है।इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की गयी। लेकिन विभागीय अधकारियों व सत्ताधारी ठेकेदारों पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है।
जिससे सत्ताधारी ठेकेदारों द्वारा सरकार को बदनाम करने का काम किया जा रहा है।सफाई के नाम पर ठेकेदारों द्वारा नहरों की सफाई करा दी गयी है।अब किसान के खेत तक पानी पहुंचे या न पहुँचे उससे ठेकेदार को क्या मतलब उसको तो केवल पैसे से मतलब है।वहीं इस बावत पूर्व में भी खबर अखबारों में प्रकाशित हो चुकी है। लेकिन फिर भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं।जो आपने आपमें कई तरह के सवालिया निशान खडा कर रहा है।
रिपोर्ट-रत्नेश मिश्रा