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2020 में निवेश पर शानदार रिटर्न पाने के लिए आपको इन छह गलतियों से बचना चाहिए

नए वर्ष (New Year 2020) का आगाज हो गया है. इस नए वर्ष में भी हम में ज्यादातर लोगों ने अपने सपने को पूरा करने के लिए कोई न कोई संकल्प लिया होगा, लेकिन जब वर्ष का अंत होने को आएगा तो कुछ ही के सपने सारे होंगे व अधिकतर के अधूरे रह जाएंगे. आखिर, इसकी वजह क्या है? वित्तीय विशेषज्ञों का बोलना है कि सिर्फ लक्ष्य निर्धारित करने भर से तो सपने सारे नहीं होते, उसके लिए आवश्यकता होती है एक मुकम्मल निवेश प्लानिंग  की. लेकिन, अक्सर लोग इसी में गलती कर बैठते हैं. वर्ष 2020 में निवेश पर शानदार रिटर्न पाने के लिए आपको किन छह गलतियों से बचना चाहिए, आइए जानते हैं

1. सबसे पहले वित्तीय लक्ष्य तय करें

इंसान का स्वभाव है कि वह निवेश की योजना को टालता जाता है. इस वर्ष आलस छोड़े व सबसे पहले वित्तीय लक्ष्य तय करें. यानी आपको इस वर्ष क्या पाना है उसके लिए कितने रकम की आवश्यकता होगी उसका एक ब्योरा बनाएं. यह बिल्कुल स्पष्ट व संक्षित्प होना महत्वपूर्ण है. ऐसा करने से आप अपने आय व खर्चें के बाद वित्तीय लक्ष्य को पाने की दिशा में ठीक तरह से कदम बढ़ा पाएंगे. जब आप पहले से लक्ष्य कर लेंगे तो आपको पता होगा कि इसको पाने के लिए क्या करना व इसके लिए कौन-कौन सी चुनौती का सामना करना होगा. जल्द लक्ष्य तय करने का सबसे बड़ा लाभ होगा कि टालने की आदत पर विराम लग जाएगी.

2.जल्दबाजी में निर्णय नहीं लें

वित्तीय लक्ष्य बनाने के बाद कभी भी निवेश उत्पाद चुनने में जल्दबाजी न करें. यह आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है. कभी भी दोस्तों या वित्तीय सलाहकार की बातों पर आंख मूंद कर भरोसा कर निवेश नहीं करें. सबसे पहले अपनी आवश्यकता व जोखिम लेने की क्षमता को समझें. अगर आप अपने निवेश पर अधिक रिटर्न चाहते हैं व जोखिम लेने में सक्षम हैं तो शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड का रुख कर सकते हैं. हालांकि, शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले संयम रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है. ऐसा इसलिए कि शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट अनुभवी से अनुभवी निवेशकों के भी भरोसे को हिला देती है. मार्केट की अस्थिरता में संयम को बनाकर रखना कठिन होता है. निवेशकों को लंबी अवधि को ध्यान में रखकर इक्विटी में निवेश करना चाहिए. कम से कम 5-7 वर्ष की अवधि को ध्यान में रखकर इक्विटी में निवेश करें. कुछ महीनों तक गिरावट का दौर बना भी रहता है तो भी धबराना नहीं चाहिए.

3. कर बचत की प्रयास जल्दी करें

वित्त साल 2018-19 को समाप्त होने में तीन महीने से कम का समय है. यानी आपके पास तीन महीने ही है इनकम टैक्स से बचत के लिए. कई दफा हम निवेश तो करते हैं लेकिन वह कर बचाने के कार्य में नहीं आता है. अगर वह कर बचाने के कार्य में भी आता है तो उसपर रिटर्न बहुत ही कम मिलता है. इस चक्कर में हमारी आय का एक बड़ा भाग इनकम टैक्स के रूप में चला जाता है. अगर, ठीक वित्तीय योजना बनाते हैं तो बड़ी रकम बचत कर सकते हैं. इसके लिए वैसे निवेश उत्पाद का चुनाव करना चाहिए, जो आपको अच्छे रिटर्न के साथ कर छूट भी दें.

4. बीमा उत्पाद को निवेश नहीं समझें

आम लोगों में बीमा उत्पाद को निवेश के तौर पर लिया जाता है. यह बहुत बड़ी भूल है. बीमा को कभी भी निवेश के तौर पर नहीं लेना चाहिए. निवेश व बीमा दोनों ही उत्पाद बिल्कुल भिन्न-भिन्न हैं. इन दोनों की आपस में अदला-बदली नहीं की जा सकती है. निवेश पैसे को बढ़ाने व लक्ष्यों को पाने के लिए किया जाता है. वहीं, बीमा किसी अनहोनी में सुरक्षा देने के कार्य करता है. अगर आप ज़िंदगी बीमा निवेश के लिए खरीद रहे हैं तो आप बड़ी गलती कर रहे हैं. महंगाई के मुकाबले बीमा पर मिलने वाला रिटर्न बहुत ही कम होता है. वही, आप ठीक निवेश उत्पाद का चयन कर शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.

5. इमरजेंसी फंड जरूर बनाएं

अगर आप नौकरीपेशा से जुड़े हैं व अभी तक इमरजेंसी फंड नहीं बनाएं हैं तो अब देर मत कीजिए. वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि आपके पास इमरजेंसी फंड के रूप में तीन से छह महीने का खर्च उठाने की रकम होनी चाहिए. आप पर कोई लोन या देनदारी है तो इसका ख्याल भी रखना होगा. इसी से यह निर्धारित होगा कि आखिर आपका इमरजेंसी फंड कितनी राशि का होना चाहिए. आपको इमरजेंसी फंड की आरंभ अपने बचत खाते से करनी चाहिए. जैसे-जैसे आपकी बचत बढ़ती जाएगी, आप ऐसे खाते की तलाश करेंगे जहां आपको इस पर अच्छा ब्याज भी मिले. ऐसे में दूसरा विकल्प होने कि सम्भावना है कि आप रैकरिंग डिपॉजिट व लिक्विड फंड  में निवेश करें.

6. फिजूलखर्ची को रोके

आय व खर्च के बाद बचा हुआ पैसा ही निवेश होता है. आप निवेश तब तक नहीं कर पाएंगे जब तक बचत नहीं करेंगे. आखिर यह बचत होगा कैसे तो इसके लिए आपको फिजूलखर्ची पर लगाम लगानी होगी. फिजूलखर्ची से निपटने में एक वस्तु बहुत अच्छा ढंग से कार्य करती है. वह है बजट बनाना. बजट को विस्तृत तरीका से लिखित रूप में बनाना चाहिए. इससे आप फिजूखर्च को सरलता से पता कर पाएंगे. फिर आप उस पैसे को बचाकर निवेश कर पाएंगे.

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