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पंजाब सरकार की “वादाखिलाफी” से दशहरे पर निकले अमृतसर वालों के आंसू

अमृतसर के लोगों के लिए दशहरे की रौनक गायब है। उन्हें पिछले साल की भयानक ट्रेन दुर्घटना और सरकार की वादा खिलाफी का दर्द सता रहा है। पिछले साल विजयदशमी के दिन रेल की पटरी पर खड़े होकर रावण दहन देखने वाले 60 लोगों ने ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा दी थी। वे पीड़ित परिवार दशहरे के मौके पर अपना दर्द बयां कर रहे हैं।

पीड़ितों ने एक कैंडल मार्च निकालकर अपनी तकलीफ बयां की। वे आज भी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके घर में खाने को रोटी तक नहीं है। सरकार ने नौकरी का वादा भी अभी तक पूरा नहीं किया है। आरोपियों को सजा भी नही दी गयी। इस कैंडल मार्च में पूर्व कैबिनेट मंत्री और अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी लोगों का साथ दिया। इस रोज़ दशहरा के दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक पर रेल की पटरियों पर सैंकड़ों लोग मौजूद थे।

अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास दशहरा का आयोजन हो रहा था। रावण का पुतला जलाया जा रहा था। लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े हुए थे। तभी अचानक ट्रेन आ गई और देखते ही देखते पटरियां खून से रंग गयी। इस हादसे में 60 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग हादसे में घायल हो गए थे। इस हादसे के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी वहां मुख्य अतिथि थीं।

पीड़ित परिवारों का आरोप है कि हादसे के बाद पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी ने पीड़ित परिवारों के लोगों से कई वायदे किए थे। इसमे गोद लेने, आश्रित परिवारों के एक सदस्य को नौकरी देने और इलाज का खर्च देने का वादा भी था।

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