भारत (India)के ” (Chandrayaan-2) मिशन के तहत चंद्रमा पर गए विक्रम लैंडर का पता लगाने में अब अमरीकी अंतरिक्ष एजैंसी नासा भी मदद करेगी। नासा(NASA)का ऑर्बिटर को चंद्रमा की सतह पर उस जगह के ऊपर से उड़ान भरेगा, जहां विक्रम ने लैंडिग की है। नासा का ऑर्बिटर लैंडिग साइट की तस्वीरें भी भेज सकता है।
इससे विक्रम से संपर्क करने में सफलता मिल सकती है। विक्रम के बारे में इसरो ने भी पता लगा लिया है और उससे संपर्क करने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। विक्रम ने चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिग की थी, जिसके चलते उसका कुछ हिस्सा प्रभावित हुआ है। नासा(NASA) के ऑर्बिटर में लगे हाई रैजोलूशन कैमरे ने पिछले दिनों अपोलो 11 की लैंडिग साइट की तस्वीरें भेजी थी।ये तस्वीरें काफी स्पष्ट थीऔर 40 साल पहले चांद पर मनुष्य की लैंडिग के फुटपिंट्स तक को दर्शा रही थी।
बता दें कि भारत (India) के ऐतिहासिक मिशन ” (Chandrayaan-2) के लैंडर ‘विक्रम’ (Lander Vikram) को चांद की सतह पर उतरने का पूरा देश इंतजार ही कर रहा था। लेकिन चांद की सतह से मात्र2.1 किलोमीटर पहले ही (ISRO) का लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था।