देहदान को बढ़ावा देने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने अहम कदम उठाया है। देहदानियों के परिवारीजनों को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसमें मृतक के सगे-संबंधी शामिल होंगे। प्राथमिकता पर मृतक पति या पत्नी दोनों में जो भी जीवित होंगे, उन्हें यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
अधिकारियों ने अंतिम मुहर के लिए प्रस्ताव केजीएमयू कार्यपरिषद की बैठक में रखा है। मंगलवार को कार्यपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना है।
देहदानियों के परिवारीजनों को केजीएमयू प्रशासन ने मुफ्त इलाज मुहैया कराने की दिशा में कदम बढ़ाया है। देहदान करने वाले व्यक्ति के परिवार के सदस्य पति या पत्नी को निशुल्क इलाज मुहैया कराया जाएगा।
इसके लिए एनॉटमी विभाग की तरफ से हेल्थ बुक बनाई जाएगी। इसमें नाम, पता, मृतक से संबंध आदि दर्ज होगा। अलग यूएचआईडी नम्बर होगा। इससे उन्हें ओपीडी, जांच व भर्ती आदि के लिए कतार में लगने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। साल में एक बाद रक्त, रेडियोलॉजी समेत दूसरी जांच कराई जाएगी। ताकि समय पर बीमारियों की पहचान कराई जाएगी।
एमबीबीएस व बीडीएस प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को एनॉटमी पढ़ाई जाती है। शरीर विज्ञान की बारीकियां बताई जाती हैं। इसके अलावा देह पर शोध भी हो रहे हैं। देहदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए केजीएमयू प्रशासन लगातार कदम उठा रहा है। वर्ष 2006 से देहदान कार्यक्रम संचालित हो रहा है। अब तक 401 देहदान हो चुके हैं।