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‘इसका मतलब है प्रधानमंत्री ने हार मान ली है’, महाराष्ट्र में तेलंगाना सीएम ने दी केंद्र को चुनौती

मुंबई:  तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र चुनाव में हार मान ली है। रेड्डी ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले ही प्रधानमंत्री मोदी विदेश दौरे पर गए हैं, उससे तो यही पता चलता है कि भाजपा ने हार मान ली है। महाराष्ट्र में सोमवार को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। इसी के तहत कांग्रेस के प्रचार के लिए तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी भी महाराष्ट्र पहुंचे।

‘पीएम मोदी और भाजपा ने महाराष्ट्र में मान ली है हार’
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेलंगाना सीएम ने कहा कि ‘आज महाराष्ट्र चुनाव के लिए प्रचार का आखिरी दिन है और आखिरी दिन से ठीक पहले पीएम मोदी देश छोड़कर विदेश चले गए। इससे पता चलता है कि भाजपा और मोदीजी ने हार मान ली है।’ कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि उन्होंने अखबारों में भाजपा के विज्ञापन देखे, उन्हें देखकर ऐसा लगा कि वे चुनाव जीतने के लिए देश को भी तोड़ सकते हैं। तेलंगाना सीएम ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा से पूछा कि पिछले 11 सालों में उन्होंने क्या किया है?

भाजपा सरकार पर लगाया वादे पूरे न करने का आरोप
रेवंत रेड्डी ने कहा कि 2014 में भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने और सालाना दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। साथ ही 2020 तक देश के हर गरीब व्यक्ति को घर देने की बात कही थी। उन्होंने कहा, ‘किसानों की आय दोगुनी करना भूल जाइए। वे तीन काले कृषि कानून लेकर आए, जिसके चलते किसानों को दिल्ली के आसपास आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ा और 700 से अधिक किसान बलिदान हो गए। प्रधानमंत्री मोदी को बिल वापस लेने पड़े और किसानों से माफी मांगनी पड़ी।’

केंद्र सरकार को दी चुनौती
रेड्डी ने कहा कि पीएम मोदी ने तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस द्वारा किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप। रेड्डी ने कहा, ‘तेलंगाना के मुख्यमंत्री के तौर पर मैं प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेताओं को चुनौती देना चाहता हूं कि अगर आपमें हिम्मत है तो एक केंद्रीय मंत्री के साथ एक केंद्रीय समिति बनाएं और उसे तेलंगाना भेजें। अगर आपके पास पैसे नहीं हैं तो मैं दिल्ली या मुंबई के लिए विमान भेज दूंगा, लेकिन आप आएं और जांच लें कि गारंटी पूरी हुई है या नहीं।’ मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उन्होंने सरकार बनने के 25 दिनों में 23 लाख किसानों के 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ किए, जिसकी कुल कीमत 18,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा ‘पिछले 10 महीनों में हमने तेलंगाना में 50,000 सरकारी नौकरियां दी हैं। आप एक समिति भेजिए। मैं उन लोगों को इकट्ठा करूंगा जिन्हें नियुक्ति पत्र मिले हैं, और आप गिन सकते हैं। अगर 50,000 से कम एक भी व्यक्ति है, तो मैं माफी मांगूंगा।’

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