लखनऊ। कल यानी 6 दिसंबर से ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा समिति (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) के सहयोग से तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जो 6, 7 तथा 8 दिसंबर तक चलेगी। इसका शीर्षक ‘इन्टरनेट टूल्स के माध्यम से अनुवाद : चुनौतियां और समाधान’ है।
कार्यशाला के प्रथम दिन प्रो राणा कृष्णपाल सिंह, कुलपति डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, मुख्य अतिथि रहेंगे, कार्यक्रम के अध्यक्ष भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनबी सिंह होंगे। प्रथम दिन के तकनीकी सत्र के वक्ता प्रो मनीष गौर, उप कुलपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, “प्राकृतिक भाषा के शब्दार्थ” विषय पर अपने विचार रखेंगे
दूसरे दिन तकनीकी सत्र में डॉ शम्श कमाल अंजुम, उपप्राचार्य, स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज, बाबा गुलाम शाह बादशाह यूनिवर्सिटी, राजौरी, जम्मू कश्मीर, “गूगल के माध्यम से अनुवाद की प्रमाणिकता” विषय पर अपने विचार साझा करेंगे। इस बहुप्रतीक्षित कार्यशाला में विभिन्न भाषाओं को पढ़ने वाले विद्यार्थी, अनुवाद पेशेवर, तकनीकी विशेषज्ञ तथा भाषा विद्वान एक मंच पर एकत्रित होंगे जो गूगल ट्रांसलेट भाषायी अनुवाद की चुनौतियां, मशीन लर्निंग, उर्दू एवं संस्कृत अनुवाद आदि विषयों पर चर्चा करेंगे।
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कार्यशाला के संयोजक प्रो मसूद आलम, अधिष्ठाता कला संकाय एवं विभागाध्यक्ष अरबी विभाग ने बताया कि इस कार्यशाला के लिए पंजीकरण प्रारंभ हो चुकें हैं तथा ये 6 दिसम्बर की सुबह तक चलेंगे। कार्यशाला की सह संयोजक शाने फातिमा, सहायक आचार्य, कंप्यूटर साइंस विभाग हैं।