लखनऊ। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने विश्व के शीर्ष-उद्धृत किये जाने वाले वैज्ञानिकों का डेटाबेस तैयार किया है, जिसमे वे प्रत्येक वर्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं में दुनिया के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची प्रकाशित करते हैं। यह सूची एच-इंडेक्स, शोधपत्र मे सह-लेखकों की संख्या, विभिन्न शोधपत्रों में उद्धरण आदि विभिन्न मापदंडों के आधार पर विकसित एक समग्र सी संकेतक के माध्यम से विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध कार्य के प्रभाव को दर्शाती है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के तीन शोधकर्ताओं को प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया गया है। प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित एकल वर्ष के प्रभाव के आधार पर सूचीबद्ध विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में भौतिकी विभाग से प्रो. अमृतांशु शुक्ला और डॉ. रोली वर्मा तथा रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अभिनव कुमार को लगातार दूसरी बार इस सूची में शामिल किया गया है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने दोनों शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि विश्व प्रसिद्ध रैंकिंग में विश्वविद्यालय और शोधकर्ताओं की उपस्थिति हम सभी के लिए काफी उत्साहजनक है। यह न केवल हमें एक पहचान देता है बल्कि उत्कृष्टता की दिशा मे हमारे प्रयासो को जारी रखने के लिए सतत प्रेरित करता है।
प्रो अमृतांशु शुक्ला के अनुसंधान कार्य प्रमुख रूप से थर्मल ऊर्जा भंडारण पदार्थ सहित अक्षय ऊर्जा संसाधन, सैद्धांतिक भौतिकी एवं परमाणु भौतिकी के क्षेत्र मे हैं। इन अनुसंधान कार्यों से थर्मल ऊर्जा भंडारण सामग्री का उपयोग करके फोटोवोल्टिक तकनीक का कुशलतापूर्वक प्रयोग शामिल है। इसके साथ ही इन अध्ययनों से सौर ऊर्जा के कुशल अनुप्रयोगों, ऊर्जाकुशल भवनों के निर्माण व अन्य अनुप्रयोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं जहां अपशिष्ट तापीय ऊर्जा को संग्रहीत कर सार्थक उपयोग मे लाया जा सकता है।
डॉ. रोली वर्मा प्लास्मोनिक और फोटोनिक्स नैनो संरचनाओं और फिल्मों पर आधारित ऑप्टिकल सेंसर पर काम करती हैं। सेंसिंग क्षेत्र कई तकनीकों जैसे हाइड्रोजेल, सोल जेल, आणविक छाप (एमआईपी), नैनोकम्पोजिट, धातु और ढांकता हुआ पतली फिल्मों आदि से उत्पन्न होता है। यह शोध कार्य पूरी तरह से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य लाभ जैसे कीटनाशक, जड़ी-बूटियों, विटामिन, भारी धातु आयनों, हलाइड्स के लिए आधारित है।
प्रो. अभिनव कुमार का अनुसंधान कार्य ट्रान्जिशनल मेटल्स, पॉलिमरस (सीपी) / धातु-कार्बनिक ढांचे (एमओएफ), डाई-सेंसिटाइज़्ड सोलर सेल के क्षेत्र मे हैं। पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र मे इस प्रकार के अनुसंधान कार्यों के अनेक उपयोग हैं जिनमे औषधि निर्माण एवं ऊर्जा के क्षेत्र विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।