Breaking News

उपचुनाव में तीन वर्ष उपलब्धियां

उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में एक बार फिर विपक्ष की कमजोरी उजागर हुई। इसके दो प्रमुख कारण है। एक यह कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने विकास के मुद्दे पर बढ़त बनाई है। योगी ने उपचुनाव प्रचार में अपनी सरकार के साढ़े तीन वर्षीय शासन की उपलब्धियां बताई। यह बसपा व सरकार के पिछले पांच वर्षीय शासन पर भारी थी। जबकि उन सरकारों को भी पांच वर्षों तक पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने का अवसर मिला था। दूसरा कारण यह था कि विपक्ष सरकार के विरुद्ध कोई प्रभावी मुद्दा उठाने में विफल रहा। पांच वर्षों तक पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने वाली पार्टियों की एक सीमा बन जाती है।

यदि उनकी सरकार में ईमानदारी,विकास व व्यवस्था कायम रही हो,तभी उनके द्वारा उठाये गए ऐसे मुद्दों का असर होता है। ईमानदारी से सरकार चलाने वालों को ही दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने का अधिकार होता है। अन्यथा उसके ऐसे आरोप मतदाताओं को प्रभावित नहीं करते। योगी आदित्यनाथ ने नरेंद्र मोदी की तरह मेहनत और ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वाह किया है। केंद्र सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाएं प्रदेश में लागू करके विकास का नया अध्याय लिखा है। विकास के इस मोर्चे पर उन्होंने पूर्ववर्ती सपा और बसपा दोनों को पीछे छोड़ दिया। साढ़े तीन वर्ष में ही उन्होंने विकास के नए रिकार्ड कायम किये।

पिछली सरकार के मुकाबले बहुत अधिक गेहूं,धान की खरीद की गई। हजारों करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का शिलान्यास भी हो गया। उन पर कार्य भी चल रहा है। पूर्वाचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का कार्य पूर्णता की ओर है। प्रधानमंत्री निर्धन आवास के मामले में योगी सरकार ने रिकार्ड बनाया है। शौचालय निर्माण का भी रिकार्ड बना। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कांग्रेस को इस प्रदेश में सबसे अधिक समय तक शासन करने का अवसर मिला। लेकिन उसने प्रदेश को बीमारू बना दिया था। सपा और बसपा के करीब डेढ़ दशक के शासन में प्रदेश की बदहाली बढ़ गई। ये पार्टियां जातिवाद, मजहबवाद के समीकरण ही बनाती रही। सुशासन इनके एजेंडे में ही नहीं था। यही कारण था कि प्रदेश में निवेश और विकास का कोई माहौल ही नहीं रह गया था।

अराजकता भ्रष्टाचार,भाई भतीजावाद चरम पर था। जबकि उनकी सरकार उत्तर प्रदेश को विकास के मार्ग पर लाने में सफल रही है। इससे प्रदेश विकसित राज्यों की सूची में अपनी जगह बनाने की दिशा में बढ़ चला है। प्रदेश ने विकास के अनेक बिंदुओं पर उल्लेखनीय स्थान बना लिया है। कुछ में तो यह पहले पायदान पर आ चुका है। कैराना में जो लोग पलायन करने को मजबूर थे,योगी सरकार आने के बाद वो लोग भी वहां लौटकर आये है। इस दौरान कोई भी दंगा नही हुआ है। प्रदेश की बदहाल तस्वीर को बदलने का काम किया गया। भ्रष्टाचार में जकड़ चुके प्रदेश को उससे उबरने का काम किया गया। कानून व्यवस्था बेहतर होने से पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए है। पचास हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर कार्य भी शुरू हो गया है। पन्द्रह लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

पहली बार एक जनपद एक उत्पाद योजना की शुरुआत की गई। सपा बसपा सरकारों ने पचपन हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया था। यह कार्य उन्होंने दस वर्षों में किया। भाजपा सरकार ने दो वर्ष में सत्तावन हजार करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था। इसके बाद भी यह क्रम रुका नहीं। गन्ना मूल्य भुगतान में उत्तर प्रदेश देश में नंबर वन हो चुका है। किसान सम्मान निधि के तहत यूपी के एक करोड़ से अधिक किसानों को पहली किस्त के तौर पर दो हजार रुपये उनके बैंक खातों में पहुचाये गए। दिव्यांग जनों की पेंशन चार सौ से बढाकर पांच सौ की गई। विधवा पेंशन योजना के अंतर्गत हमने उम्र की सीमा को खत्म किया ।

सामूहिक विवाह योजना शुरू की गई। लाखों नौजवानों को कौशल विकास के द्वारा रोजगार दिया गया। निराश्रित गौवंश के लिए स्थाई व अस्थाई निर्माण कर किसानों की समस्या का समाधान किया गया। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर बिना जमीन के अदिग्रहण के सपा सरकार ने बिडिंग करा दिया था। अब पूर्वांचल के साथ बुंदेलखंड के लिए एक्सप्रेस वे बन रही है । यह बुंदेलखंड के सभी जिलों को जोड़ते हुए आगरा एक्सप्रेस वे से जुड़ेगी। बुंदेलखंड के विकास के लिए डिफेन्स कॉरिडोर के लिए कार्य चल रहा है। हजारों करोड़ रुपये की पेयजल योजना बुंदेलखंड को दी गई है। पहले दो एयरपोर्ट संचालन में थे,अब छह एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो गया है।

रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत नौ एयरपोर्ट पर यूपी में कार्य किया जा रहा है। दो इंटरनेशनल हवाई अड्डे भी प्रदेश में बनाए गए। इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर और कुशीनगर से पर्यटन व व्यापार जगत को लाभ होगा। फ़िल्म सिटी का निर्माण प्रारंभ हो गया है। नमामि गंगे योजना से गंगाजल आचमन करने लायक हुआ है। दिव्य भव्य कुम्भ का आयोजन भी योगी सरकार की उपलब्धियों में शामिल है। स्वच्छ कुंभ और सुरक्षित कुंभ की थीम सफल रही। अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन साल के ग्यारह महीने हो सकेंगे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण अक्षयवट और सरस्वती कूप की देखरेख कर रहा है।

इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर दिया गया। सरकार के प्रयासों से पहली बार किले में हनुमान जी और सरस्वती कूप के दर्शन की व्यवस्था की गई। यह कार्य पहले भी हो सकते थे। लेकिन इसके लिए अपेक्षित इच्छाशक्ति का अभाव था। प्रयागराज की कनेक्टिविटी के लिए गंगा एक्सप्रेस वे बनाने का निर्णय हुआ था। फोर लेन वाला यह एक्सप्रेस वे विश्व का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा। यह पश्चिमी यूपी को प्रयागराज से जोड़ेगा। छह सौ किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस वे मेरठ से प्रयागराज तक बनेगा। जाहिर है कि योगी आदित्यनाथ ने साढ़े तीन वर्ष में विकास के मामले में विपक्ष के सामने बड़ी लाइन खींच दी है।

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
डॉ दिलीप अग्निहोत्री

About Aditya Jaiswal

Check Also

‘महायुति के प्रति मतदाताओं के लगाव से वोट प्रतिशत में हुई वृद्धि’, फडणवीस का सरकार बनाने का दावा

मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी ...