मुरादाबाद। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ में फर्माक्लोजी की प्रोफेसर डॉ कौसर सैयदा ने चेताया, मेडिकेशन एरर से पेशेंट की मौत भी हो सकती है। इसीलिए इससे बचाने के लिए विभिन्न स्तरों पर क्रॉस चेकिंग आवश्यक है। मरीज को दवा और सलाह देने के लिए स्टाफ को उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
‘हैसियत आसमान की तरह होनी चाहिए…’, अभिनेता सोनू सूद ने युवाओं को किया प्रेरित
डॉक्टर के दवा के पर्चे की किसी भी स्तर पर किसी भी त्रुटि की जांच की जानी चाहिए। मेडिकेशन एरर पेशेंट को हानि देने वाला सबसे आम और रोकथाम योग्य कारण हैं। इन एरर्स में आम तौर पर गलत दवा या खुराक देना, गलत मार्ग का उपयोग करना या रोगी को गलत दवा देना शामिल है।
डॉ कौसर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के तीर्थंकर महावीर कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च के फर्माक्लोजी विभाग की ओर से मेडिकेशन एरर पर आयोजित गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। इससे पूर्व मुख्य अतिथि को प्लांट भेंट करके स्वागत किया गया।
गेस्ट लेक्चर में मेडिकल कॉलेज के डीन प्रो एसके जैन, प्रिंसिपल प्रो एनके सिंह, एडिशनल एमएस प्रो वीके सिंह, वाइस प्रिंसिपल प्रो प्रीथपाल सिंह मटरेजा आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। अंत में स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।
क्या वाकई राम गोपाल वर्मा से शादी करना चाहती थीं सुचित्रा? प्रीति को क्यों कहा आदमखोर
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की प्रो कौसर बोलीं, उपचार प्रक्रिया के दौरान कभी भी दवा संबंधी त्रुटियां हो सकती हैं। जब किसी मरीज को दवा दी जाती है, तो विभिन्न मेडिकल पेशेवरों को कई चरणों-ऑर्डर करना और प्रिस्क्राइब करना, दस्तावेज बनाना, प्रतिलिपि बनाना, वितरण, प्रशासन, निगरानी आदि से गुजरना पड़ता है। इन सब में कहीं भी दवा संबंधी त्रुटियाँ हो सकती हैं। दवा संबंधी त्रुटियाँ सबसे अधिक प्रिस्क्राइब करने, ऑर्डर करने और प्रशासन के चरणों के दौरान होती हैं।
फर्माक्लोजी विभाग की ओर से मेडिकेशन एरर पर आयोजित गेस्ट लेक्चर में प्रो जयबल्लभ कुमार, प्रो रुपा सिंह, डॉ शिल्पा पैट्रिक, डॉ प्रीति सिंह, डॉ गोविन्द, डॉ मीनू थॉमस, डॉ सिमरन प्रीत सिंह, डॉ विष्णु प्रभा पीo के संग-संग 100 से अधिक फैकल्टीज़ और 150 एमबीबीएस स्टुडेंट्स शामिल रहे।