फिरोजाबाद। जिले में केला की खेती करने वाले किसानों पर इस साल सिर मुड़ाते ओले पड़ गए. कुछ किसानों ने अपनी आय को दोगुना करने के लिए उद्यान विभाग के सुझाव पर केले की खेती की थी लेकिन बीती रात तेज आंधी के साथ हुई बारिश के कारण केले की फसल उखड़ गई और केला बर्बाद हो गया. किसानों का कहना है की पूरी ही फसल खराब हो गई. सरकार को सर्वे कराकर किसानों के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बरसात का कहर जारी है.दो दिन से लगातार बरसात हो रही है जिसकी वजह से जहां एक और जलभराव का गंभीर संकट पैदा हो गया है वहीं दूसरी तरफ फसलों में भी काफी नुकसान हुआ है. बात करें फिरोजाबाद की तो यहां पर वैसे तो यहां पर खरीफ में बाजरा, धान,मक्का और दलहन की फसलें होती हैं लेकिन इस बार कुछ किसानों ने उद्यान विभाग के सुझाव पर अपनी आय को दोगुना करने के लिए केले की खेती की थी. करीब 70 हेक्टेयर खेती में केले की फसल बोई गई थी. 50 से 60 किसान जिले में इस खेती को करते हैं.
सरकार भी इस खेती को प्रोत्साहित करती है इसके लिए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सरकार किसानों को सब्सिडी देती है. उम्मीद थी कि नया प्रयोग सफल होगा और किसानों को उम्मीद से ज्यादा कुछ लाभ होगा लेकिन बरसात के साथ आयी आंधी ने केला उत्पादक किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया. गांव सिंगेमई में केला की खेती करने वाले किसान अनिल कुमार और दीपू ठाकुर ने बताया कि कल शाम को जो तेज आंधी आई थी उससे उनकी केले की फसल पूरी बर्बाद हो गई.
फसल बिल्कुल तैयार खड़ी थी और आगामी 2 सप्ताह में उसे तोड़ने वाले थे लेकिन अचानक ही मौसम की ऐसी मार पड़ी कि बरसात के साथ आयी तेज आंधी से उनके पौधे उखड़ कर जमीन पर गिर गए जिससे उस पर लगे केले भी खराब हो गए. उन्होंने बताया कि कम से कम 70 से 80 फीसदी फसल में नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे किसानों का सर्वे कराकर उनके नुकसान की भरपाई मुआवजे से करनी चाहिए।
क्या कहते है कि उद्यान विभाग के अफसर
इस संबंध में जब जिला उद्यान अधिकारी संजीव कुमार वर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि फसलों में जो नुकसान होता है उसका आंकलन तहसील के स्तर से किया जाता है. अगर शासन या प्रशासन उनसे कोई रिपोर्ट मांगेगा तो वह जरूर सर्वे कराकर रिपोर्ट भेज देंगे लेकिन मुआवजा देने का काम राजस्व विभाग का ही होता है जो तहसील से संबंधित है।
रिपोर्ट-मयंक शर्मा