बीमारियों से बचने के लिए अपनी लाइफस्टाइल और डाइट का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि आज के समय में कम उम्र के लोग भी कई तरह की क्रोनिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में लोगों को अपनी सेहत के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो भले ही आप स्वस्थ हों लेकिन फिर भी आपको हर 6 महीने में बॉडी चेकअप जरूर कराना चाहिए। वहीं नियमित रूप से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की भी जांच करते रहना चाहिए। इससे शरीर में पनपने वाली कई बीमारियों का समय पर पता लगाया जा सकता है।
Tongue Color: आपकी जीभ बता सकती है सेहत का हाल, क्या आपको है संक्रमण या कोई गंभीर बीमारी? जानिए।
वैसे तो बीमारी होने पर हमारा शरीर स्वयं ही इस बारे में संकेत देता है। जिस पर गंभीरता से ध्यान देने पर बीमारियों से बचा जा सकता है। ठीक इसी तरह से आप अपनी जीभ देखकर भी यह जान सकते हैं कि हमारे शरीर में कोई बीमारी तो नहीं बढ़ रही है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि जीभ के रंग में बदलाव होना स्वास्थ्य के प्रति क्या संकेत देता है।
क्यों होता है जीभ के रंग में बदलाव
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, कई प्रकार की अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण जीभ पर नजर आने लगते हैं। जब जीभ के रंग में कुछ बदलाव नजर आने लगे, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। यह विटामिन्स की कमी, डायबिटीज, संक्रामक रोग और शरीर में ऑक्सीजन की कमी सहित कई अन्य गंभीर बीमारियों की ओर संकेत हो सकता है।
इसलिए आवश्यक है कि न सिर्फ नियमित रूप से जीभ की अच्छे से साफ-सफाई की जाए, बल्कि जीभ के रंग में बदलाव होने पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए।
जीभ का रंग काला होना
जीभ के रंग के बदलाव के बारे में जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी होता है कि सामान्य जीभ कैसी दिखती है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो आमतौर पर जीभ का रंग गुलाबी होता है या फिर जीभ पर पतली सफेद पट्टी होना भी सामान्य माना जाता है। जीभ का रंग हल्का गुलाबी या फिर गहरा हो सकता है। लेकिन जब जीभ के रंग में कुछ असमान्य सा बदलाव नजर आए, जैसे जीभ नीली, काली और लाल या नारंगी रंग की हो जाए, तो आपको सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि यह एक खतरनाक संकेत हो सकता है।
वहीं अगर आपकी जीभ काले रंग की नजर आती है, तो यह इस बात का संकेत होता है कि आपकी जीभ पर केरोटिन जमा होने लगता है। बता दें कि केराटिन त्वचा, बाल और नाखूनों में पाया जाने वाला प्रोटीन है। तम्बाकू के सेवन, मौखिक स्वच्छता में कमी या फिर एंटीबायोटिक्स के कारण यह समस्या हो सकती है।
जीभ का रंग नीला होना
कुछ स्थितियों में जीभ का रंग नीला हो सकता है। अगर आप भी यह समस्या महसूस कर रहे हैं, तो आमतौर पर माना जाता है कि ब्लड में ऑक्सीजन की कमी होने या फिर एक्जिमा की वजह से यह समस्या होती है।
रक्त वाहिकाओं की बीमारी, किडनी की बीमारी, शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन की कमी और कुछ प्रकार के रक्त विकार होने पर भी जीभ के रंग में बदलाव नजर आ सकता है। एक्जिमा की समस्या होने की वजह से जीभ के रंग में बदलाव दिख सकता है।
जीभ पीली होना
बता दें कि आमतौर पर जीभ का पीला होना बैक्टीरिया के बढ़ने के कारण होता है। मुंह के शुष्क होने और मौखिक स्वच्छता की कमी होने पर जीभ पर बैक्टीरिया बढ़ जाता है। तो वहीं कुछ लोगों के जीभ की सतह पर नालियां जैसे गड्ढे होते हैं। जिसमें बैक्टीरिया बढ़ने का जोखिम रहता है। संक्रमण की वजह से भी जीभ पीली हो सकती है।
वहीं पीलिया और मधुमेह के शिकार लोगों की जीभ पर इस तरह का बदलाव हो सकता है। जिस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।