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ज्यादा तनाव से दिमाग में बन सकती है ये घातक बीमारी…

भावनात्मक रूप से टूटना, दुख, तनाव केवल वर्तमान समय में ही लोगों पर प्रभाव नहीं डालता बल्कि इसका असर लंबे समय तक चलता है। ये मानसिक स्वास्थ्य के लिए तो हानिकारक है ही साथ ही इसके नकारात्मक प्रभाव कभी-कभी शरीर पर भी दिखाई पड़ते हैं। जब आप सामान्य से ज्यादा तनाव लेते हैं या किसी बात को लेकर गहरी उदासी में डूबे रहते हैं तो इससे आपके शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता यानी कि इम्युनिटी पॉवर कमजोर होने लगती है।

ऐसे में हार्ट अटैक और खून के थक्के जिसे कि हम ब्लड क्लॉटिंग भी कहते हैं, के चांसेस बढ़ जाते हैं। कई बार इस वजह से बॉडी में स्वेलिंग भी आ जाती है। आइए जानते हैं कि किस तरह यह स्थिति हमारे लिए खतरनाक भी साबित हो सकती है-

ब्लड क्लॉटिंग-
रिपोर्ट के मुताबिक़, काफी लंबे समय तक दुख में डूबे रहने की वजह से दिमाग पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कई बार तो दिमाग की शिराओं (नसों) में खून के थक्के (ब्लड क्लॉटिंग) जमने की समस्या भी सामने आ सकती है। ऐसी स्थिति में कई बार लगातार तेज सिर दर्द की भी शिकायत हो सकती है।

डिहाइड्रेशन की समस्या-
जब लोग काफी तनाव या उदास होते हैं तो उनके शरीर में रक्त का बहाव काफी तेजी से होता है। ऐसे में कई बार लोग बहुत जल्दी थकावट की शिकायत करते हैं। इससे उनकी स्किन में काफी ड्राई हो जाती है।

पाचन की परेशानी-
कई बार बेहद दुखी होने पर लोगों की पाचन शक्ति पर भी बुरा असर पड़ता है। उनकी पाचन क्रिया काफी धीमी हो जाती है। ऐसे में खाना पचाने में काफी वक्त लगता है। कई बार लोग मिचली या भूख कम लगने की शिकायत भी कर सकते हैं।

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