अदालत ने 20 जून 2005 के इस मामले में आरोपियों की दुकान से एचपी का इंकजेट व कार्टेज नकली बरामदगी का आरोपी रहा वादी संतोष द्विवेदी ने तहरीर दी थी।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Tuesday, April 19, 2022
वाराणसी। एसीजेएम (तृतीय) नितेश कुमार सिन्हा की अदालत ने भेलूपुर थाने के कॉपीराइट एक्ट के 17 वर्ष पुराने मामले में दो आरोपियों ब्रह्मदेव पाण्डेय और विकास गुप्त को आरोप साबित नही होने पर बरी कर दिया है। आरोपियों की तरफ से अलख राय, अपूर्व सिंह व अमनराज गुप्त ने पैरवी की।
अदालत ने 20 जून 2005 के इस मामले में आरोपियों की दुकान से एचपी का इंकजेट व कार्टेज नकली बरामदगी का आरोपी रहा वादी संतोष द्विवेदी ने तहरीर दी थी। तहरीर में कहा कि एचपी कम्पनी के नकली पैकेजिंग, लोगो ट्रेडमार्क के आधार पर इंकजेट कार्टेज के विक्रय की सूचना पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। अदालत में अभियोजन साक्षी बयान से मुकर गए, जिसके बाद, जुर्म साबित ना होने की सूरत में आरोपियों को बरी कर दिया गया।
रिपोर्ट-जमील अख्तर