- Published by- @MrAnshulGaurav
- Monday, August 01, 2022
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के ‘भारत अध्ययन केन्द्र’ में अयोध्या शोध संस्थान एवं उत्तर-मध्यक्षेत्र के सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज द्वारा संयुक्त रूप से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आख्यान का शुभारंभ हुआ। इस संगोष्ठी में सुप्रसिद्ध नाटककार पद्मश्री डॉ शेखर सेन, आध्यात्मिक चिंतन वृंदावन मथुरा से श्रीवत्स गोस्वामी, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति कमलेश दत्त त्रिपाठी एवं संगोष्ठी संयोजिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी एवं कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर सदाशिव कुमार द्विवेदी उपस्थित रहे।
पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित भारत अध्ययन केंद्र बनाने का उद्देश्य यही है भारतीय संस्कृति एवं भारतीय संस्कार के अनुरूप जो हमारी दर्शन है जीवन है। उसके अलग अलग आयाम लोगों के सामने रखा जाता है। इसी क्रम में आज दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में भारत की कथा परंपरा जो भारत के मूल में है। हमारे पूर्वजों ने जो विचार को आगे लाना चाहा उसका माध्यम बना बहाना बना कथा कथा परंपरा में जो गाथा गायन है। गीत है संगीत है कल आए हैं इस प्रकार से भारतीयता को संजो रही है उसी प्रकार से इस संगोष्ठी में प्रमुख विद्वान अलग-अलग विषयों पर अपने विचार रखेंगे।
इस संगोष्ठी से जो नए छात्र है शोधार्थी हैं। उनको भी भारत को समझने के लिए एक दृष्टि मिलेगी या संगोष्ठी इस बार ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से आयोजित की गई है जिसमें देश के विभिन्न जगह से जुड़ेंगे और इस संगोष्ठी में प्रतिभाग करेंगे।