राजूपाल हत्याकाण्ड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल दो शूटर गुड्डू मुस्लिम के कहने पर लखनऊ आए थे। हत्या से पहले यहां दो दिन रुके थे। इन्हें लखनऊ में ही असलहे भी दिखाये गये थे। यह सब कुछ एसटीएफ की लखनऊ टीम को कुछ लोगों से पूछताछ में पता चला है। उधर प्रापर्टी डीलर से भी एसटीएफ को कई अहम जानकारियां मिली है।
यूपी के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा है कि उमेश पाल और उनके दोनों सरकारी सुरक्षा कर्मियों की हत्या के आरोपी चाहे जहां भी छिपे हों, उन्हें ढूंढ निकालेंगे। इन अपराधियों के मददगारों पर भी सख्त कार्रवाई होगी। वह सोमवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब तक दो आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं, जबकि एक को गिरफ्तार किया गया है।
इस घटना के खुलासे में पुलिस की सभी एजेंसियां लगी हैं, अन्य राज्यों के साथ समन्वय भी बना हुआ है। पुलिस व एसटीएफ की 15 से ज्यादा टीमें लगातार काम कर रही हैं। डीजीपी खुद इस पूरे मामले की प्रतिदिन समीक्षा करते हैं।
एसटीएफ ने दो दिन पहले महानगर स्थित यूनिवर्सटल अपार्टमेंट में अतीक के बेटे असद के किराये के फ्लैट में फिर तलाशी ली थी। दावा किया जा रहा है कि अपार्टमेंट के पास रहने वालों ने कई जानकारियां एसटीएफ को दी थी। इसके बाद ही खुर्रमनगर से एक प्रापर्टी डीलर को एसटीएफ ने हिरासत में ले लिया था।