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श्रमजीवी विस्फोट कांड में दो आतंकवादियों को मृत्युदंड की सजा, धमाके में मारे गए थे 14 लोग

श्रमजीवी विस्फोट कांड के मामले में दोषी करार दिए गए दो आतंकवादियों को दो मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय ने सजा सुनाई। इस आतंकी धमाके में कुल 14 लोग मारे गए थे जिसमें 12 लोगों की मौत घटनास्थल पर हुई थी, जबकि दो की मौत बाद में हुई थी। वहीं 62 लोग घायल हुए थे।

यह है मामला
28 जुलाई 2005 को सिंगरामऊ के हरपालगंज हरिहरपुर के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस में आतंकियों द्वारा किए गए बम विस्फोट में 12 लोग मरे थे व करीब 62 लोग गंभीर घायल हुए थे। मामले में ट्रेन में बम रखने वाले बांग्लादेशी आतंकी रोनी उर्फ आलमगीर एवं षड्यंत्र करने वाले आतंकी ओबैदुर्रहमान को वर्ष 2016 में अपर सत्र न्यायाधीश बुधिराम यादव की अदालत में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। दोनों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है जो विचाराधीन है।

शेष दोनों आरोपी बांग्लादेश निवासी हिलालुद्दीन व पश्चिम बंगाल के नफीकुल को दोषी करार दिया गया। सजा के लिए दो जनवरी 2024 की तिथि मुकर्रर की गई थी, लेकिन इस तिथि पर कोर्ट में दंड के प्रश्न पर सुनवाई करते हुए सजा की तिथि बुधवार यानी आज नियत की गई। इस मामले में वर्ष 2016 में दो आतंकियों को फांसी की भी सजा सुनाई जा चुकी है। हालांकि दोनों ने हाईकोर्ट में अपील की है, जो विचाराधीन है।

22 दिसंबर 2023 को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय की अदालत ने ट्रेन में बम रखने के आरोपी बांग्लादेश निवासी हिलाल उर्फ हिलालुद्दीन व विस्फोट में सहयोग के आरोपित नफीकुल विश्वास निवासी बंगाल को हत्या, हत्या के प्रयास विस्फोटक अधिनियम एवं अन्य धाराओं में दोषी करार दिया था। इसके बाद दो जनवरी 2024 को सजा सुनाने की तिथि तय की गई थी।

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