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यूपी में बढ़ी बिजली की मांग, अलर्ट हुआ पावर कॉरपोरेशन

रीब एक महीने बाद यूपी में बिजली की मांग फिर से अधिकतम मांग के रिकार्ड की तरफ बढ़ने लगी है। 17 जुलाई को 26228 तथा 18 जुलाई को अधिकतम मांग 26472 मेगावाट दर्ज की गई। मांग बढ़ने के साथ ही पावर कारपोरेशन प्रबंधन अलर्ट मोड पर आ गया है। अधिकतम मांग में निरंतरता रहने अथवा मांग और बढ़ने पर निर्बाध बिजली सप्लाई की दिक्कतों का सामना करने की नौबत आ जाएगी।

दूसरी तरफ पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने सभी वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को पत्र भेजकर ट्रांसफार्मरों की क्षतिग्रस्तता की जांच के लिए गठित समिति की रिपोर्ट तत्काल मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए हैं। इस रिपोर्ट से यह पता चलेगा कि ट्रांसफार्मरों के जलने, क्षतिग्रस्त होने का कारण क्या रहा है। ट्रांसफार्मर गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त हुए हैं अथवा उसके बाद। इस रिपोर्ट के आधार पर प्रबंधन जहां जरूरत होगी अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर लगवाने तथा अन्य प्रबंध करेगा।

जून के मध्य में बिजली की मांग 26 हजार मेगावाट से अधिक पहुंचने के कारण कई दिनों तक लोकल फाल्ट से पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति में बाधाएं आई थीं। गांवों के साथ ही शहरों में ट्रांसफार्मरों व केबिल के जलने व खराब होने की बाढ़ सी आ गई थी। शासन से लेकर कारपोरेशन तक के अधिकारी जिलों में रवाना करने पड़े थे। फिर मौसम में आए बदलाव के बाद बिजली की मांग लगातार गिरती चली गई और सप्लाई सामान्य हो सकी थी। इधर, सोमवार से बिजली की मांग फिर से 26 हजार मेगावाट जाने लगी है। बारिश नहीं हुई तो मांग में लगातार इजाफा होगा जिसके बाद फाल्ट बढ़ने शुरू हो जाएंगे।

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