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पेड़, बिजली पोल और टीनशैड तोड़ते हुए नाले में घुसा अनियंत्रित ट्रक; बाल-बाल बचे घर में सो रहे लोग

बिधूना। क्षेत्र में बेला-बिधूना मार्ग पर स्थित कीरतपुर गांव में बीती रात्रि एक अनियंत्रित ट्रक पेड़, बिजली पोल व एक मकान में बाहर रखी टीनशैड तोड़ते हुए नाले में घुस गया। मकान में सो रहे लोग बाल-बाल बच गये। ट्रक चालक ट्रक को मौके पर छोड़कर फरार हो गया। डिवाइडर पर संकेतांक व रिफ्लेक्टर न होने की बजह से अक्सर हादसे होते हैं।

पेड़, बिजली पोल और टीनशैड तोड़ते हुए नाले में घुसा अनियंत्रित ट्रक; बाल-बाल बचे घर में सो रहे लोग

कोतवाली क्षेत्र में बेला-बिधूना मार्ग पर बीती रात्रि लगभग 3ः30 बजे एक ट्रक अनियंत्रित होकर पेड़ व बिजली के पोल को तोड़ते हुए कीरतपुर निवासी विनोद कुमार गुप्ता उर्फ बाबाजी के घर के बाहर चबूतरे पर पड़ी टीनशैड तोड़ता हुआ नाले में घुस गया। ट्रक के नाले में घुस जाने से मकान में सो रहे परिजन बाल-बाल बच गये। मकान मालिक ने बताया कि टीनशैड से टकराने के कारण उसके मकान लगी धमक से मकान में कुछ जगह दरारें आ गयीं हैं।

तीन किलोमीटर के दायरे में आए दिन होता है हादसा –

कस्बा से लगे हुए बेला-बिधूना मार्ग पर बसे गांव कीरतपुर से लेकर पीएस ईट भट्ठा तक लगभग तीन किलोमीटर मार्ग पर डिवाइडर बना है। इस मध्य में अक्सर डिवाइडर से वाहन टकराते रहते हैं। जिससे आये दिन कोई न कोई हादसा हो जाता है। चार दिन पहले भी एक ट्रक के आगे का हिस्सा डिवाइडर पर चढ़ गया था। जो अभी भी उसी हालत में डिवाइडर पर चढ़ा हुआ सा खड़ा है। दो जुलाई को बुलेट मोटरसाइकिल डिवाइडर से टकराने के बाद रेहड़ी से टक्करा गयी थी। जिससे उस पर सवार तीन युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कुछ दिन पहले कीरतपुर में सड़क किनारे बनी मजार में ट्रक ने टक्कर मार दी थी जिससे वह टूट गयी थी।

संकेतांक व रिफ्लेक्टर न होना हादसे की वजह –

कीरतपुर निवासी डाक्टर प्रमोद यादव व रमा कान्त गुप्ता का कहना है कि डिवाइडर में संकेतांक व रिफ्लेक्टर न होने की बजह से रात्रि में अक्सर वाहन डिवाइडर से टकराकर हादस ग्रस्त हो जाते हैं। जिससे वाहनों में नुकसान के साथ जनहानि के साथ वाहन में सवार लोग गंभीर रूप् से घायल भी हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि नदी पुल पार जहां से डिवाइडर शुरू हुआ, ब्रम्हदेव मंदिर के पास एवं पीएस ईट भट्ठा के पास अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। कहा कि इस संबंध में कई बार पीडब्ल्युडी विभाग व उपजिलाधिकारी को इस समस्या से अवगत कराते हुए संकेतांक बनवाने के साथ रिफ्लेक्टर लगवाने की मांग की जा चुकी है। पर इस ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है।

वाहन गति भी है हादसे की वजह –

बिधूना व बेला की ओर से आने वाले तेज रफ्तार वाहन भी हादसे का कारण बनते हैं। क्योंकि दोनों से आने जाने वाले वाहन तेज रफ्तार से आ रहे होते हैं। इस दौरान डिवाइडर के पास आकर फिर चालक वाहन से अपना नियंत्रण खो देते हैं और डिवाइडर से टकराकर हादसा ग्रस्त हो जाते हैं। इसके अलावा ब्रम्हदेव मंदिर के पास मार्ग घुमावदार व कीरतपुर में मजार के पास बनी पुलिया के पास सकरा मार्ग होने से भी हादसा हो जाता है।

संकेतांक व रिफ्लेक्टर के साथ बने स्पीड ब्रेकर –

इसी मध्य में स्थित तालपुर गांव निवासी अमित सिंह का कहना है कि डिवाइडर पर संकेतांक बनाने के साथ रिफ्लेक्टर लगने चाहिए। इसके अलावा नदी पुल, ब्रम्हदेव मंदिर व पीएस ईट भट्ठा के समीप मार्ग पर स्पीड ब्रेकर बनने से हादसों को टाला जा सकता है।

रिपोर्ट – शिव प्रताप सिंह सेंगर

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