नई दिल्ली। रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने क्वालकॉम के चेन्नई डिज़ाइन सेंटर का उद्घाटन किया और क्वालकॉम इनकॉर्पोर्टेड के अध्यक्ष और सीईओ क्रिस्टियानो अमोन की उपस्थिति में आज, 14 मार्च को इसके 6जी यूनिवर्सिटी रिसर्च इंडिया प्रोग्राम का शुभारंभ किया।
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उक्त आयोजन रामानुजन आईटी सिटी, तारामणि, चेन्नई में आयोजित किया गया। यह पहल क्वालकॉम की नवाचार यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है और साथ ही भारत में इसकी उपस्थिति को भी मजबूत करती है। इस विस्तार में 177.27 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है।
चेन्नई डिज़ाइन सेंटर के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम स्थल पर अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने बताया कि क्वालकॉम बोर्ड में सभी तीन सेमीकंडक्टर चिप्स को अब नए उद्घाटन किए गए चेन्नई डिजाइन सेंटर में शुरू से अंत तक डिजाइन किया जाएगा और इस प्रकार डिजाइन से लेकर भारत में सेमीकंडक्टर की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला बनाने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को पूरा किया जाएगा।
निर्माण और एटीएमपी (असेंबलिंग, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग) और सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र की सभी तीन परतों, अर्थात, प्रतिभा पूल, गैसों और रसायनों और सेमीकंडक्टर उपकरण को शामिल करना है।
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मंत्री ने बताया कि कल (13 मार्च) प्रधान मंत्री द्वारा सेमीकंडक्टर की तीन परियोजनाओं की आधारशिला रखने से, राष्ट्र के पास सभी क्षेत्रों, यानी डिजाइन, निर्माण और एटीएमपी में क्षमता होगी। मंत्री ने कहा, “हमने देश भर में फैले 104 विश्वविद्यालयों के साथ कार्यक्रम किया है जहां छात्रों को सीखने, प्रयोग करने और नए विचारों को आजमाने के लिए नवीनतम डिजाइन उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं।”
रेलवे से संबंधित घोषणाएं
अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि फोर्जिंग प्रक्रिया का उपयोग करने वाले पहियों का निर्माण तमिलनाडु में किया जाएगा जिसका निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है और उत्पादन 16-18 महीनों में शुरू हो जाएगा। तमिलनाडु के गुम्मिडिपुंडी में इस विनिर्माण इकाई की प्रति वर्ष 2.5 लाख की विशाल उत्पादन क्षमता होगी।
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जिसमें से 80000 की खपत भारत में होगी और बाकी 1.7 लाख का निर्यात किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि हम पिछले 60-70 वर्षों से जाली पहियों के आयातक रहे हैं और अब इस संयंत्र की स्थापना के साथ, भारत जाली पहियों का निर्यातक बन जाएगा।
मंत्री ने घोषणा की कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), चेन्नई अब मानक गेज वंदे भारत विकसित करेगी। क्योंकि यह मानक गेज है जिसका उपयोग दुनिया भर में रेलवे में किया जाता है। वर्तमान में, भारतीय रेलवे नेटवर्क में उपयोग के लिए ब्रॉड गेज वंदे भारत का निर्माण ICF में किया जा रहा है।
मंत्री ने बताया कि अगर हमें अब से 5 साल बाद वंदे भारत रेक का निर्यात करना है तो हमें डिजाइनिंग की प्रक्रिया अभी से शुरू करनी होगी, क्योंकि डिजाइनिंग, परीक्षण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुमोदन प्राप्त करना और विनिर्माण की प्रक्रिया एक लंबी प्रक्रिया है। मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि इससे चेन्नई, तमिलनाडु में आईसीएफ की निर्यात क्षमता में वृद्धि होगी।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी