छह वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश को लोक कल्याण व विकास सम्बन्धी योजनाओं के क्रियान्वयन में पिछड़ा माना जाता है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस मान्यता को पूरी तरह बदल दिया है। गत दिवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ को डायनेमिक चीफ मिनिस्टर बताया है।
योगी आदित्यनाथ ने यह दिखा दिया कि इच्छाशक्ति से योजनाओं को प्रभावी रूप में लागू किया जा सकता है। यही कारण है कि आज उत्तर प्रदेश करीब पचास योजनाओं के क्रियान्वयन में नंबर वन है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को सफलतापूर्वक लागू करने का कार्य किया है।
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प्रदेश में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के बारह लाख से अधिक लाभार्थी हैं। प्रति परिवार पांच लोग माने जाएं तो इस योजना से लगभग साठ लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। यह योजना गरीबों के प्रति समर्पित सरकार की छवि को रेखांकित करती है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना कालखंड में इसे लागू किया था। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर स्वनिधि महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होंने स्ट्रीट वेण्डरों को अमृत कार्ड प्रदान किए।
एनयूएलएम के ‘लोगो’ का विमोचन किया।स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक प्रदान किए.लाभार्थियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि दस हजार रुपये का लोन चुकता करने वाले स्ट्रीट वेण्डर्स को बीस हजार रुपये का लोन देने के लिए कैम्प आयोजित किए जाएं।
बीस हजार रुपये के ऋण की अदायगी करने वाले पटरी दुकानदारों को पचास हजार रुपये का लोन मिले। पहला लोन लगभग दस लाख, दूसरा लोन दो लाख तथा तीसरा लोन एक लाख से कम लोगों ने प्राप्त किया है। प्रदेश में अब तक पचास करोड़ रुपये से अधिक डिजिटल ट्रान्जेक्शन रेहड़ी-पटरी व्यावसायियों ने किए हैं।
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इस अवधि में रेहड़ी-पटरी व्यावसायियों ने लगभग पांच हजार करोड़ रुपये का व्यवसाय किया है। स्ट्रीट वेण्डर्स के साथ उनके परिवार का ध्यान रखने के लिए स्वनिधि से समृद्धि नामक दूसरा डिजिटल सिस्टम बनाया गया है।
इसके अन्तर्गत प्रदेश में इन स्ट्रीट वेण्डर्स के लगभग इकतीस लाख लोगों को लाभान्वित किया गया। इन सभी को पहचान पत्र प्रदान किए गए हैं। इस योजना के माध्यम से हमारे नैनो उद्यमी आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़े हैं। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में स्ट्रीट वेण्डर्स के लिए मार्केट बन रहे हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि स्ट्रीट वेण्डर्स को स्पेस की आवश्यकता हो तो नगर निकाय खाली जगह पर छोटी-छोटी दुकानें बनाये। पचास हजार रुपये से अधिक का व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेण्डर्स का व्यवस्थित पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी. पचास हजार रुपये से अधिक का व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेण्डर्स को यदि अधिक स्थान की आवश्यकता हो तो, इसके लिए हमारे नगर निकाय कॉम्प्लेक्स बनाकर दुकानें उपलब्ध कराएं।
उन्होंने बाजार को स्वच्छ रखने में सहयोग का आह्वान भी किया। इससे जहां उनके व्यवसाय में वृद्धि होगी, वहीँ स्वास्थ्य की दृष्टि से ऐसा करना लाभप्रद होगा। गंदगी होगी तो लोग नहीं आयेंगे, बीमारियां बढ़ेंगी। ठेले, खोमचे के साथ-साथ एक छोटा कूड़ादान भी रखें। नगर की सफाई भी हमारी जिम्मेदारी है।
प्रदेश के अलग-अलग शहरों में स्ट्रीट वेण्डर्स के लिए मार्केट बन रहे हैं।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री