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‘दानेन पूज्यो भवति मानवः’ के साथ हुई वीसी केयर फंड की शुरुआत

इस पहल के शुरुआत होते ही कई हाथ छात्र हित मे आगे बढ़े। समाज के सभी वर्गों को छात्र हित मे जोडने के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय के प्रयासों को आशानुरूप प्रोत्साहन पहले ही दिन देखने को मिला और लगभग दो लाख रुपए से अधिक की धनराशि एकत्रित हो गई।

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय ने जरूरतमंद छात्रों की वित्तीय मदद के लिए, शनिवार को, मन्थन हाल मे आयोजित एक कार्यक्रम मे ‘वीसी केयर फंड’ के तहत, एक अनूठी पहल की शुरुआत की गयी। सूत्र वाक्य “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास सबका विश्वास” की अवधारणा से प्रेरित, जरूरतमंद छात्रों के हित में शुरू की गई।

‘दानेन पूज्यो भवति मानवः’ के साथ हुई वीसी केयर फंड की शुरुआत

इस पहल के शुरुआत होते ही कई हाथ छात्र हित मे आगे बढ़े। समाज के सभी वर्गों को छात्र हित मे जोडने के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय के प्रयासों को आशानुरूप प्रोत्साहन पहले ही दिन देखने को मिला और लगभग दो लाख रुपए से अधिक की धनराशि एकत्रित हो गई।

नेन प्राप्यते स्वर्गो दानेन सुखमश्नुते , इहामुत्र च दानेन पूज्यो भवति मानवः’ – प्रो. आलोक राय

दान देने वाले सुधीजनों मे लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, प्रोफेसर और अधिकारियों के ही साथ संगीता राय, प्रसून वर्मा (उप निदेशक, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय), शिवांगी मिश्रा (प्रबंधक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया), डॉ मयंक त्रिवेदी (असिस्टेंट प्रोफेसर, बी बी डी विश्वविद्यालय), डॉ महेंद्र सिंह (प्राचार्य, केके पीजी कालेज, इटावा), डॉ वी एन मिश्र (एसोसिएट प्रोफेसर, कालीचरण पी जी कालेज) शामिल हैं।

“दान से स्वर्ग प्राप्त होता है, दान से सुख भोग्य बनते हैं, यहाँ और परलोक में इन्सान दान से पूज्य बनता है”– कुलपति

इस अवसर पर, आयोजित विशेष कार्यक्रम मे कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा कि हमारी संस्कृति का मूल मंत्र ही परोपकार है और शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य भी यही है। इसीलिए हमें ‘नेन प्राप्यते स्वर्गो दानेन सुखमश्नुते , इहामुत्र च दानेन पूज्यो भवति मानवः’ यानी “दान से स्वर्ग प्राप्त होता है, दान से सुख भोग्य बनते हैं, यहाँ और परलोक में इन्सान दान से पूज्य बनता है ” की सीख दी जाती है। उन्होने समाज के सभी वर्गों से इस छात्र कल्याण केंद्रित कार्यक्रम मे आगे बढ़कर भागीदार बनने और इस मुहिम को आगे बढ़ाने की अपील करी।

यदि कोई दान किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए आता है, तो फंड का उपयोग उस उद्देश्य के लिए ही किया जाएगा।- कुलपति 

इस कार्यक्रम का आयोजन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने किया था और उन्होने कार्यक्रम के बारे मे विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि इस निधि को बैंक में खोले गए स्वीकृत बैंक खाते से संचालित किया जाएगा। वीसी केयर फंड के लिए निधि भारतीय, भारतीय मूल के विदेशी नागरिक, संस्थाओं द्वारा दिए गए दान के माध्यम से उत्पन्न की जा सकेगी।

यदि कोई दान किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए आता है, तो फंड का उपयोग उस उद्देश्य के लिए ही किया जाएगा। दान के लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं है लेकिन न्यूनतम 5000 रुपये निर्धारित करी गई है । इसी प्रकार किसी छात्र की सहायता हेतु एक वित्तीय वर्ष मे 50000 रूपये की सीमा निर्धारित करी गई है । अधिक जानकारी के लिए dean_stuwelfare@lkouniv.ac.in पर संपर्क किया जा सकता है । इस कार्यक्रम मे सभी अधिषठाता, शिक्षक एवं प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे ।

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