लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में शुक्रवार को सिद्धार्थनगर जिले के हसुड़ी औसानपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चे अपने शिक्षक और ग्राम प्रधान के साथ पहुंचे। ये बच्चे हाल ही में एक दिवसीय भ्रमण के लिए इसरो के अंतरिक्ष उपयोगिता केंद अहमदाबाद गये थे।
बच्चों ने कुलपति प्रो प्रदीप कुमार मिश्र से मुलाकात कर इसरो केंद्र के अपने अनुभव को साझा किया। बच्चों ने बताया कि इसरो केंद्र में जाने से उन्हें कई बातों का पता चला। बच्चों ने कहा कि वहां के सेटेलाइट, रॉकेट और चंद्रयान, गगनयान मिशन के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला। कक्षा सात की छात्रा अवंतिका ने रॉकेट में लगने वाले इंसुलेटर के बारे में बताया।
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वहीं, अभिलाषा ने गगनयान मिशन के बारे में बताया। कुलपति प्रो प्रदीप कुमार मिश्र ने बच्चों को न केवल शुभकामनाएं दी बल्कि उनके भविष्य में लक्ष्य पर भी चर्चा की। बच्चों को इसरो केंद्र में जाने की खुशी उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। बच्चे भविष्य में वैज्ञानिक बनना चाहते हैं। आपको बता दें कि उक्त गांव के प्राइमरी स्कूल में व्योमिका स्पेश लैब की ओर से ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी के प्रयास से विक्रम साराभाई स्पेश लैब स्थापित किया गया है। प्रदेश में यह अपने आप का पहला गांव है जहां यह लैब लगा है। इस लैब में रॉकेट और सेटेलाइट के मॉडल, टेलिस्कोप, ड्रोन, एअरक्राफ्ट, थ्री डी प्रिंटर, रोबोट लगाये गये हैं।
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जिससे न केवल बच्चे विज्ञान और तकनीकी से परिचित हो रहे हैं बल्कि उनमें वैज्ञानिक बनने की इच्छाशक्ति भी आ रही है। ग्रामीण इलाके में इस तरह का लैब अपने आप में अनोखा है। कुलपति प्रो प्रदीप कुमार मिश्र ने विश्वविद्यालय के गोद लिये गांवों के बच्चों को भी ऐसे लैब की सुविधा देने के लिए एक लैब विश्वविद्यालय में स्थापित करने की इच्छा जाहिर की। बच्चों के साथ ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी, शिक्षक रामकृपाल पासवान और गोविंद यादव आये थे।