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Vivek murder case : संदीप की क्लीन चिट देने पर Kalpana ने खड़े किए सवाल

लखनऊ। विवेक तिवारी हत्याकांड में प्रशांत के साथ घटनास्थल पर मौजूद सिपाही संदीप कुमार को क्लीन चिट देने पर विवेक के परिजनों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। विवेक की पत्नी कल्पना (Kalpana) ने संदीप को भी हत्याकांड में बराबरी का दोषी बताते हुए 302 के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।

संदीप ने प्रशांत को गोली मारते समय विरोध 

पुलिस द्वारा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद कल्पना ने कहा कि वह कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगी। कल्पना ने कहा अगर संदीप पति की हत्या में शामिल नहीं था तो वह प्रशांत को गोली मारते समय उसका विरोध भी कर रोक सकता था। उन्होंने कहा हत्याकांड में जितना प्रशांत दोषी है उतना ही संदीप भी दोषी है। मालूम हो 28 सितंबर गोमतीनगर में विवेक तिवारी को गोली मारी गई थी। जिसके अगले ही दिन डीएम ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश देते हुए 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था। अपर नगर मजिस्ट्रेट सलिल कुमार पटेल हत्याकांड की मजिस्ट्रेट जांच कर रहे हैं।

संदीप निर्दोष था तो फिर विवेक को अस्पताल क्यों नहीं

बतौर कल्पना पति विवेक से जब दोनों की बहस हो रही थी तब उसका विरोध करने पर संदीप ने ही सना को डंडा मारा था। उसके बाद प्रशांत ने संदीप के सामने ही विवेक की हत्या के इरादे से गोली मारी। गोली मारने के बाद भी कोई पति को अस्पताल नहीं ले गया। वह मौके पर ही काफी देर तक तड़पते रहे। संदीप अगर निर्दोष था तो फिर विवेक को अस्पताल क्यों नहीं ले गया।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले मुकदमा

कल्पना के भाई विष्णु ने कहा अक्टूबर में बहन के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान उन्हें आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन मिला था। उन्हें मुख्यमंत्री की बात पर भरोसा है। मुख्यमंत्री ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की बात कही थी। अब मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलना चाहिए ताकि आरोपितों को जल्द सजा मिल सके।

एसआइटी जांच से संतुष्ट : सत्येंद्र सिंह

उधर मेरठ के बडौत जिला मोहल्ला न्यू रामनगर निवासी सिपाही संदीप कुमार के पिता सत्येंद्र सिंह ने हत्या के मामले में बेटे को क्लीनचिट मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि वो एसआइटी जांच से संतुष्ट हैं।

एसआइटी रिपोर्ट में तत्कालीन CO और इंस्पेक्टर पर सवाल

एसआइटी रिपोर्ट में तत्कालीन सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्र और इंस्पेक्टर डीपी तिवारी की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए दोनों पर पुलिस की छवि धूमिल करने की बात कही गई है। थाने में प्रशांत को बुलाकर मीडिया से आमना-सामना कराने समेत कई प्रमुख तथ्य एसआइटी रिपोर्ट में शामिल कर डीजीपी को भेजा गया है। यह भी बताया गया है कि एसएसपी ने पत्रकारवार्ता कर आरोपित सिपाहियों को जेल भेजने की बात कही पर सीओ व इंस्पेक्टर ने दोनों सिपाहियों को थाने बुलाकर मीडिया से बातचीत करा दी।

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