अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए भारत की सराहना की है और इसके नतीजे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक जीत बताया है, जो वैश्विक मंच पर देश का प्रभाव बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं.
भारत ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापक वार्ताओं की एक सीरीज के माध्यम से विवादास्पद यूक्रेन युद्ध पर जी20 देशों के बीच अप्रत्याशित आम सहमति बनाने में कामयाब रहा. इस वजह से देश ने सम्मेलन के पहले दिन नई दिल्ली समिट डिक्लेरेशन पर समझौते तक पहुंचने में अग्रणी भूमिका निभाई.
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एसोसिएटेड प्रेस ने जी20 शिखर सम्मेलन में विभाजित वैश्विक शक्तियों के बीच समझौता को मोदी की कूटनीतिक जीत शीर्षक वाले लेख में कहा, ”कुछ विशेषज्ञों ने समझौते को रूस की जीत के रूप में देखा, जबकि अन्य ने इसे पश्चिम के लिए एक उपलब्धि करार दिया. हालांकि, अधिकतर विशेषज्ञ सहमत हैं कि यह प्रधानमंत्री मोदी के लिए विदेश नीति की जीत है क्योंकि वह वैश्विक मंच पर भारत के प्रभाव को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं.”
ब्लूमबर्ग ने कहा, ”जी20 ने भारत के प्रधानमंत्री के वैश्विक नेता के दर्जे को मजबूत किया है.”
फाइनेंशियल टाइम्स में पत्रकार जॉन रीड ने अपने लेख में कहा, ”मुझे लगता है कि यह भारत और व्यक्तिगत रूप से मोदी दोनों के लिए एक निर्विवाद जीत थी.”
गल्फ न्यूज ने लिखा, ”भारत के लिए जी20 की अध्यक्षता ने बहुपक्षीय कूटनीति में देश की बढ़ती भूमिका और एक ऐसी आवाज के रूप में उभरने को रेखांकित किया है जिसे अवश्य सुना जाना चाहिए.”
अंग्रेजी भाषा के अखबार ‘चाइना डेली’ में प्रकाशित एक भारतीय प्रोफेसर के आलेख में इस बात पर जोर दिया गया है कि भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान कई नए मानक गढ़े हैं.