कैंसर को दुनियाभर में सबसे खतरनाक और जानलेवा बीमारियों में से एक माना जाता है। हाल के वर्षों में जीवनशैली से संबंधित गड़बड़ी और खान-पान की आदतों के चलते कई प्रकार के कैंसर के मामलों में तेजी से उछाल देखने को मिला है, फेफड़ों में होने वाला कैंसर ऐसी ही एक गंभीर समस्या है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक फेफड़ों के कैंसर के लक्षण परंपरागत रूप से श्वसन संबंधी समस्याओं से जुड़े होते हैं। हालांकि कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि आपके चलने के तरीके में गड़बड़ी भी इस गंभीर रोग के सूचक हो सकते हैं। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि मांसपेशियों की गति को बनाए रखने के लिए तंत्रिका तंत्र जिम्मेदार है। इसलिए जब इसके सामान्य कार्य प्रभावित होते हैं, तो शारीरिक संतुलन और स्थिरता में समस्या आ सकती है।
स्माल-सेल लंग कैंसर तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है, जिसके कारण लोगों को चलने और शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। इस कारण से रोगी को चलते समय चक्कर आने और खड़े होने में भी कठिनाई महसूस होने की समस्या हो सकती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि वैसे तो शारीरिक संतुलन से संबंधित सभी प्रकार की कठिनाइयां सीधे फेफड़ों के कैंसर के जोखिम से जुड़ी हुई नहीं हैं। कुछ लोगों को सिर में चोट लगने, माइग्रेन और पैरों में तंत्रिका संबंधी समस्याओं के कारण भी यह दिक्कत हो सकती है।