गोरखपुर में भाजपा विधायक डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल नगर निगम अधिकारियों, कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर स्वयं गंदे नाले में उतर गए और मौके पर मौजूद मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को फटकार लगाई। विधायक के स्वयं नाले में उतरने के बाद नगर निगम अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में टीम बुलाकर वर्षों से पटे नाले को साफ करवाना पड़ा।
शहर के नालों की दशा देख रहे हैं विधायक
गोरखपुर शहर के पानी को शहर से बाहर निकालने वाले मुख्य नाले की सफाई कई वर्षों से नहीं हुई थी। इस नाले पर जगह-जगह अतिक्रमण था। पटना में बारिश के पानी से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने के बाद गोरखपुर महानगर में घूम-घूम कर नालों की सफाई व्यवस्था देख रहे गोरखपुर के विधायक डाक्टर राधा मोहन दास इस मुख्य नाले की दशा देखने पहुंच गए। नाले की दशा देखकर नगर विधायक अापे से बाहर हो गए और मौके पर ही नगर निगम की पूरी टीम को बुला लिया।
यह हुआ था!
मौके पर मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मुकेश रस्तोगी सफाई कर्मियों की टीम लेकर पहुंचे लेकिन वहां पहुंच कर डा. रस्तोगी विधायक को समझाने लगे कि इस नाले की सफाई हो चुकी है और इससे ज्यादा सफाई नहीं हो सकती है। डा. रस्तोगी की बात से विधायक संतुष्ट नहीं हुए और नाले के करीब पहुंचकर मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को बताया कि नाले की ठीक से सफाई नहीं हुई है। इसके बाद विधायक स्वयं नाले में उतर गए और नाले के अंदर से ही मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी की क्लास लेना शुरू कर दिया।
विधायक ने पूछा कि क्या ऐसे होती है सफाई। इतने देर में नगर निगम के कई सफाई इंस्पेक्टर भी वहां पहुंच गए। विधायक ने सफाई इंस्पेक्टरों से पूछा कि इस नाले में उतर कर कब सफाई हुई थी। सफाई इंस्पेक्टरों को कोई जवाब नहीं सूझा। इसके बाद नगर विधायक वहीं खड़े हो गए और कहा कि जब तक पूरे नाले की सफाई नहीं हो जाती तब वे यहां से नहीं जाएंगे।
साफ हो गया वर्षों से जाम नाला
विधायक के तेवर देखकर अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए और देखते ही देखते नगर निगम की पूरी टीम वहां पहुंच गई और युद्धस्तर पर सफाई कार्य शुरू हो गया। इस बीच गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) अफसराें को घटना की जानकारी हुई तो प्राधिकरण की टीम भी वहां पहुंच गई और नाले पर वर्षों से हुए अतिक्रमण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। दोपहर से शुरू हुआ यह अभियान देर शाम तक चला और शहर को यह मुख्य नाला साफ हुआ।
विधायक ने दिया तीन दिन का अल्टीमेटम
विधायक ने नगर निगम अधिकारियों को तीन दिन का अल्टीमेटर देते हुए कहा कि तीन दिन बाद वह फिर इस क्षेत्र में आएंगे यदि तब तक पूरे नाले की विधितव सफाई नहीं हुई तो संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जीडीए अफसरों की भी क्लास ली
विधायक ने जीडीए के अफसरों की भी क्लास ली। मौके से ही जीडीए के बड़े अफसरों को फोन कर उन्होंने कहा कि नालों पर अतिक्रमण के चलते सफाई कार्य प्रभावित हो रहा है। अतिक्रमण हटाने का दायित्व जीडीए का है और जीडीए अपने दायित्व का ठीक से निर्वहन नहीं कर रहा है। बात होने के बाद जीडीए सचिव ने एक सहायक अभियंता को मौके पर भेजा। पाया गया कि नाले पर अतिक्रमण कर कई लोगों ने मकान बनवा लिए हैं।
नगर विधायक ने जीडीए अधिकारियों को निर्देशित किया कि नालों पर जितने भी प्रकार के स्थाई या अस्थाई कब्जे किए गए हैं उन्हें हटाया जाए। विधायक ने जीडीए अफसरों को सात दिन का अल्टीमेट दिया है।
बर्दाश्त नहीं करेंगे लापरवाही
नगर विधायक ने कहा कि जीडीए और नगर निगम अफसरों के चलते मोहल्लों में जल भराव हो रहा है। नगर निगम के अफसर तमाशा देख रहे हैं और कर्मचारी नालों की सफाई नहीं कर रहे हैं। विधायक ने कहा कि यदि नालों की सफाई ठीक से नहीं हुई तो इस मुद्दे को शासन तक पहुंचाया जाएगा।
सोशल मीडिया पर हो रही है विधायक की तारीफ
विधायक द्वारा स्वयं नाले में उतरकर सफाई करवाए जाने की सोशल मीडिया में जमकर तारीफ हो रही है। लोग कह रहे हैं अपनी ही सरकार में यदि विधायक स्वयं नाले में उतर कर सफाई करवा रहे हैं तो अध्ािकारियों को इससे सीख लेनी चाहिए। विधायक का नाले में उतरने का वीडियो और फोटो जमकर शेयर किया जा रहा है।
रिपोर्ट-रंजीत जयसवाल