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जहां कभी था माफियाराज, अब इंडस्ट्री लगाने को आतुर हैं उद्योगपति

• पूर्व की सरकारों में पिछड़ चुके गाजीपुर को अब योगी सरकार संवारने में लगी है।

• ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के निवेशक रुचि दिखा रहे हैं।

वाराणसी/गाजीपुर। पिछली सरकारों में पिछड़ चुके पूर्वांचल को अब योगी सरकार संवारने में लगी है। गाज़ीपुर में एक समय पहले जहां अपराध का उद्योग चला करता था। अब यहां उद्योगपति अपने उद्योग लगाने के लिए आतुर दिख रहे है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे गाज़ीपुर के उद्योग को गति दे रहा है। गाज़ीपुर में 156 निवेशकों ने लगभग 1901 करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया है। इसमे 1690 करोड़ का एमओयू किया जा चुका है। निवेश के और बढ़ने की संभावना है। अभी तक प्राप्त इंटेंट में एमएसएमई और निर्यात संवर्धन विभाग में सबसे ज्यादा रुचि दिखाई है।

गाज़ीपुर को माफिया राज से निकालकर योगी सरकार उद्योग स्थापित करने में जुटी है। इसमे सरकार को रोज नए मुकाम मिल रहे हैं। भय और भ्रष्टाचार को हटाकर हर युवा को रोजगार देने में योगी सरकार जुटी है। 10 से 12 फरवरी को लखनऊ में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के निवेशक रुचि दिखा रहे हैं। संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश सिंह ने बताया कि गाजीपुर में भी निवेशकों ने अलग-अलग सेक्टर में निवेश के लिए दिलचस्पी दिखाई है। करीब 17 विभागों को निवेश का प्रस्ताव मिला है। इसमे 156 निवेशकों ने लगभग 1901.63 करोड़ के निवेश के लिए रुचि दिखाई है। लगभग 1690 करोड़ के एमओयू भी कर लिये गये हैं। निवेश के लिए आये प्रस्ताव के धरातल पर उतरने पर करीब 8416 लोगों को अपने ही घर के पास रोजगार मिलेगा।

क्रम – विभाग का नाम – इंटेंट – निवेश प्रस्ताव (करोड़ में) – रोजगार
1 – बेसिक शिक्षा विभाग – 2 – 10.5 करोड़ – 50
2 – सहकारिता विभाग – 15 – 32.7 – करोड़ – 250
3 – डेयरी विकास विभाग- 8 – 71 करोड़ – 480
4 – ऊर्जा के अतिरिक्त स्रोत विभाग – 6 – 807 करोड़ – 937
5 – चिकित्सा शिक्षा विभाग – 1 – 7 करोड़ – 125
6 – एमएसएमई और निर्यात संवर्धन विभाग – 99 – 442. 93 करोड़ – 4430

7 – खाद्य और नागरिक आपूर्ति – 3 – 4.5 करोड़ – 39
8 – खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन – 1 – 5 करोड़ – 30
9 – हथकरघा और कपड़ा विभाग – 1 – 1 करोड़ – 5
10 – उच्च शिक्षा विभाग – 1 – 9 करोड़ – 100
11 – बागवानी विभाग-2 -215 करोड़ – 900
12 – आवास विभाग-6 – 22.5 करोड़ – 300
13 – आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग – 1 – 1 करोड़ – 30
14 – चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग – 4 – 107.5 करोड़ – 287
15 – तकनीकी शिक्षा – 2 – 4 करोड़ – 33
16 – पर्यटन विभाग – 3 – 1करोड़ – 120
17 – उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण – 1 – 150 करोड़ – 300

रिपोर्ट-संजय गुप्ता 

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