मुंबई। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद महाराष्ट्र में भाजपा के अगुवाई वाली महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी ने विधानसभा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। हाल के लोकसभा चुनावों में वर्ली में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के उम्मीदवार की बढ़त सात हजार से कम होने के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को एक अवसर का आभास हो रहा है और वह इस विधानसभा सीट से संदीप देशपांडे को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) का मुकाबला मनसे के उम्मीदवार से हो सकता है।
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कई योजनाएं ठप
मुंबई दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के वर्ली में भारत के कुछ सबसे धनी लोगों का घर है। यह व्यापारिक गतिविधियों के लिए खासा जाना जाता है। हालांकि, यहां बीडीडी चॉल और पुलिस कॉलोनियां पुनर्विकास के इंतजार में हैं। कई झुग्गी पुनर्वास परियोजनाएं ठप पड़ी हुई हैं।
राज ठाकरे ने सीएम शिंदे से की मुलाकात
इन सबके बीच, मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इस दौरान वर्ली के मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, बैठक के बाद शिंदे ने अधिकारियों को वर्ली के मुद्दों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। वहीं, दूसरी ओर मनसे के नेता संदीप देशपांडे वर्ली निवासियों की चिंताओं को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से उनके साथ जुड़ रहे हैं।
क्या था 2019 का चुनावी आांकड़ा
विशेष रूप से, मनसे ने 2019 के विधानसभा चुनावों में वर्ली से उम्मीदवार नहीं उतारा था क्योंकि उद्ध ठाकरे वाली शिवसेना (के प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे। बिना किसी मजबूत विरोध के ठाकरे ने 62,247 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। शिवसेना (यूबीटी) की जीत के बाद भी इस साल के लोकसभा चुनावों के दौरान वर्ली विधानसभा क्षेत्र में बढ़त में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई।