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जानें, आखिर क्यों अच्छे हैं वैक्सीन से होने वाले कुछ साइड इफेक्ट्स?

पूरी दुनिया में वैक्सीन अभियान जारी है. ऐसे में कुछ वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल रहे हैं. सिर दर्द, गले में दर्द, थकान, मितली, चक्कर आना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द वैक्सीन के आम साइड इफेक्ट्स हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है वैक्सीन के आम साइड इफेक्ट्स से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये लक्षण संकेत देते हैं कि वास्तव में वैक्सीन अपना काम कर रही है. हालांकि कुछ लोगों में इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स भी दिख रहे हैं लेकिन ऐसे मामले बहुत कम आ रहे हैं.

दिसंबर में इंपीरियल कॉलेज लंदन द्वारी की गई एक स्टडी में पाया गया UK के एक तिहाई लोग वैक्सीन की सेफ्टी को लेकर चिंतित थे. ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, ‘इन लक्षणों के दिखने का वास्तव में मतलब है कि आपका इम्यून सिस्टम ठीक वैसा ही काम कर रहा है जैसा कि इसे करना चाहिए.’

कोरोनावायरस की वैक्सीन जब लगाई जाती है तो ये तुरंत वायरस के खिलाफ इम्यून सिस्टम को संदेश देना शुरू कर देती है. इम्यून सिस्टम कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों का एक जटिल नेटवर्क है. हानिकारक बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए ये सारे एक साथ मिलकर काम करते हैं.

इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाता है. ये एंटीबॉडी रक्तप्रवाह को नियंत्रित करती है और टी-कोशिकाओं (T-cells) के जरिए ऐसे वायरस की पहचान करती है जिन्हें खत्म किया जा सके.

हालांकि इम्यून सिस्मटम ये काम तब तक नहीं कर सकता जब तक कि उसके मेमोरी सेल को ये याद ना हो कि उसने पहले कभी Covid-19 जैसे शक्तिशाली वायरस का सामना किया है. वैक्सीन की भूमिका यहीं पर आती है.

वैक्सीन इम्यून सिस्टम को वायरस के छोटे, निष्क्रिय टुकड़ों या फिर इसके जेनेटिक मटेरियल से परिचित कराता है. इसके बाद इम्यून सिस्टम प्रतिक्रिया देते हुए शरीर में एंटीबॉडी और टी-कोशिकाएं बनाता है. इस तरह वायरस से लड़ने के लिए शरीर पूरी तरह तैयार हो जाता है. इसमें साइटोकिन्स की भी अहम भूमिका है.

साइटोकिन्स टी कोशिकाओं को संदेश भेजने का काम करते हैं. जब शरीर में किसी तरह का इंफेक्शन होता है तो साइटोकिन्स एक्टिव हो जाते हैं. वैक्सीन लगने के बाद साइटोकिन्स की मात्रा बढ़ जाती है जो इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी माना जाता है. वैक्सीन लगने के बाद फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर ये शरीर में तेजी से काम करते हैं जिसकी वजह से मरीज कभी-कभी ज्यादा बीमार हो सकते हैं.

वैज्ञानिकों का तर्क है कि इस तरह की असुविधा महसूस होना ये साबित करता है कि शरीर की रक्षा प्रणाली ने वैक्सीन के लिए प्रतिक्रिया दी है और ये इम्यून सिस्टम को वायरस पर हमला करने के लिए तैयार कर रहा है.

हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि जिन लोगों को वैक्सीन लेने के बाद कोई लक्षण नहीं महसूस हो रहा है उन पर वैक्सीन कम असर कर रही है. वैज्ञानिकों का कहना है कि हर व्यक्ति का इम्यून सिस्टम अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया देता है.

इंग्लैंड के रीडिंग यूनिवर्सिटी के बायोमेडिकल टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट डॉक्टर अलेक्जेंडर एडवर्ड्स ने डेली मेल को बताया, ‘खुद को अच्छा महसूस ना होने और वैक्सीन के प्रति इम्यून रिस्पॉन्स के बीच एक वास्तविक संबंध है लेकिन इसके बारे में आप ठीक-ठीक कुछ नहीं कह सकते क्योंकि सबका इम्यून सिस्टम अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया देता है.’ इसका मतलब ये है कि वैक्सीन का कोई इफेक्ट महसूस ना होने पर भी ये आप पर अच्छा असर कर सकती है.

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