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चतुरी चाचा ने प्रपंच के चबूतरे से…..सौ म सौ नम्बर पायब हायतौबा क्यों!

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

चतुरी चाचा ने प्रपंच का आगाज करते हुए कहा- आजु काल्हि सीबीएसई बोर्ड केरी बहुत चर्चा होय रही। देस क तमाम लरिका-बिटिया सौ मा सौ नम्बर पाइन हयँ। हजारन विद्यार्थी 100 म 99 अउ 98 नम्बर पाइन हयँ। यहिका लैके बड़ी हायतौबा मची हय। परीक्षा केर पेपर बनावै वालेन प सवाल खड़ा कीन जाय रहा। तमाम मनइन क सौ म सौ नम्बर हजम नाय हो रहे।

 

हम तौ कहित हय कि लरिका-बिटिया मेहनत किहिन। दिन-रात पढ़िन तौ सौ म सौ नम्बर पाइन। सौ म 99, 98, 97 अउ 96 नम्बर लाये। इहिमा लोगन का पेट काहे पिराय रहा। हम पंच जब पढ़ित रहय। तबहुँ सुलेख अउ इमला मा 10 म 10 नम्बर लाइत रहय। हाँ, यूपी बोर्ड केरी परीक्षा म सौ मा 70-75 नम्बर जौ बिरलय का मिलत रहयं। तब सौ मा 60-65 नम्बर लावै विद्यार्थिन केरी जय-जयकार होत रहय। हमरी समझ ते सौ मा सौ नम्बर लावै वाले विद्यार्थिन क्यार अभिनंदन करय क चही। बच्चन केरी मेधा अउ मेहनत प प्रश्नचिन्ह लगावयक कौनव औचित्य नाइ हय।

चतुरी चाचा आज बड़े इत्मीनान से अपने चबूतरे पर विराजमान थे। वह सावन की बारिश से बड़े खुश थे। आज सुबह बूंदाबांदी के बाद मौसम बड़ा खुशगवार था। आसमान में सावन की काली घटाएं अठखेलियाँ कर रही थीं। पुरई पशुओं को चारा-पानी कर रहे थे। गांव के बच्चे बाग की झाड़ियों में ‘सीड़ी-पहाड़’ खेल रहे थे। वहीं, कुछ लड़कियां नीम के पेड़ पर झूला झूल रही थीं। ककुवा, मुंशीजी, कासिम चचा व बड़के दद्दा सीबीएसई बोर्ड के परिणाम की चर्चा में मशगूल थे। मेरे पहुँचते ही चतुरी चाचा ने प्रपंच का श्रीगणेश कर दिया। उनका कहना था कि सीबीएसई बोर्ड में तमाम बच्चों को सौ में 100, 99, 98, 97, 96 नम्बर मिले हैं। इस पर कुछ लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं। लोग हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के प्रश्नपत्र बनाने वालों पर टीका-टिप्पणी कर रहे हैं। उन्हें बच्चों की मेधा और परिश्रम पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाना चाहिए। उन्होंने अपना उदाहरण भी पेश किया कि वह सुलेख और इमला में हमेशा 10 में 10 नम्बर पाते थे।

ककुवा ने कहा- चतुरी भाई, हम तुमरी बातन ते सहमत हन। हमका खुदय प्रायमरी म 10 मा 8, 9 नम्बर मिलत रहयं। यह कौनिव बात भई कि लरिका सौ मा सौ कइसे लाये? अरे! लरिका-बिटिया मेहनत किहिन, तबै तौ उई सौ मा सौ पाइन। कुछु सौ मा 99, 98, 97 तक पाइन। अपनेह गांव म द्याखाव संतलाल महतव क पोता शिवांश यादव हाईस्कूल म 97.6 प्रतिशत लावा हय। जाऊन मेहनत नाय किहिन उई फेल होइगे। हमार कहब युहु हय कि कौनिव परीक्षा म नकल न कीन दीन जाय। बहुतै सख्ती ते परीक्षा लीन जाय। मेहनती अउ बुद्धिमान लरिकन का आगे बढ़ावा जाय। तबहिन देस का नीक नेता, अधिकारी, कर्मचारी, व्यापारी मिलिहैं। देस का बढ़िया वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, टीचर, साहित्यकार अउ शिक्षाविद मिलिहैं। नकल अउ जुगाड़ ते पास भे लरिका सोरी क गुह हयँ। उई न लिपय म हयँ, न पोतय म हयँ। कूड़ा हयँ ससुरे।

इसी बीच चंदू बिटिया परपंचियों के लिए जलपान लेकर आ गई। आज जलपान में चने की स्वादिष्ट घुघरी और तुलसी-अदरक वाली कड़क चाय थी। सबने घुघरी चबाकर नल का ताजा पानी पीया। फिर चाय के कुल्हड़ उठा लिये। चाय के साथ चर्चा आगे बढ़ी।

कासिम चचा ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- आगामी 15 अगस्त को देश के आजाद हुए 75 साल हो जाएँगे। इस बार 15 अगस्त का बड़ा महत्व है। पूरे देश में घर-घर तिरंगा फहराने की तैयारी चल रही है। देश कई महीने पहले से अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 75वें वर्ष में आगे भी नाना प्रकार के कार्यक्रम चलते रहेंगे। अमृत महोत्सव के अंतर्गत तमाम जन कल्याणकारी योजनाओं का सूत्रपात हुआ है। पूरे देश में तरह-तरह के सांस्कृतिक/साहित्यिक कार्यक्रम भी चल रहे हैं। सच पूछिए तो देश में एक नया जोश आया है। दिल्ली में नया संसद भवन सेंट्रल विस्टा बनकर तैयार हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी नए भवन के शीर्ष पर अशोक की लॉट का अनावरण कर चुके हैं।

बड़के दद्दा ने कासिम चचा की बात में अपनी बात जोड़ते हुए कहा- प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी ने अनेकानेक ऐतिहासिक कार्य किये हैं। देश की अधिकांश जनता मोदी की जय-जयकार कर रही है। विश्व में भारत का रुतबा भी बढ़ गया है। परन्तु, विपक्ष बौखला गया है। विपक्षी नेता आएं-बाएं-शाएं हैं। कांग्रेस के एक बंगाली नेता अधीर रंजन तो पगला ही चुके हैं। उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को “राष्ट्रपत्नी” बता दिया। उस पर बड़ा बवाल चल रहा है। पूरे देश में कांग्रेस की थुक्का-फजीहत हो रही है। लोकसभा में खूब कोहराम मचा रहा। अंततः लोकसभा दो दिन के लिए स्थगित हो गयी है। इधर, यूपी में मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की कार्यशैली और बयानों से असंतुष्ट होकर उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव व ओमप्रकाश राजभर ने किनारा कर लिया है।

मुंशीजी ने खेती-किसानी की बात करते हुए कहा- इधर, तीन-चार दिन बारिश होने से खेती लहलहाने लगी है। सबसे बड़ा लाभ धान की फसल को हुआ है। हालांकि, समय से बरसात न होने के कारण धान की रोपाई कम हो पाई है। तमाम किसानों की पौध खेत में ही सूख गई। आषाढ़ में सूखा पड़ने के कारण धान की फसल का क्षेत्रफल कम हो गया है। अब बराबर बारिश होती रही तो रोपा गया धान अच्छी उपज देगा। अगर बारिश आगे कम हुई तो धान का उत्पादन घट जाएगा। अपेक्षित बरसात न होने की दशा में खरीफ की अन्य फसलें भी कम उत्पादन देंगी। इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। खरीफ फसल का उत्पादन घटने से महंगाई और बढ़ेगी। अभी का ही सूरत-ए-हाल देख लो। आषाढ़ न बरसने से सब्जियों का टोटा हो गया है। सब्जी ही नहीं, बल्कि दालें भी महंगी हो गयी हैं।

मैंने कोरोना अपडेट देते हुए प्रपंचियों को बताया कि विश्व में अब तक 58 करोड़ 11 लाख 34 हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें करीब 64 लाख 18 हजार लोग बेमौत मारे जा चुके हैं। इसी तरह भारत में अब तक चार करोड़ 40 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें पांच लाख 26 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया नहीं जा सका। भारत में अभी तक कोरोना वैक्सीन की 203 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी हैं। देश की 93.1 करोड़ आबादी को कोरोना के दोनों टीके लग चुके हैं। भारत में टीकाकरण अभियान जोरों पर है। बूस्टर डोज भी बड़ी तेजी से लगाई जा रही है। भारत ने मुफ्त टीकाकरण की मिसाल कायम की है।

अंत में चतुरी चाचा ने सबको नाग पंचमी व तुलसी जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही के साथ फिर हाजिर रहूँगा।

तब तक के लिए पँचव राम-राम!

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