मुंबई की मजबूत टीम मध्य प्रदेश के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले रणजी ट्राफी फाइनल में 42वां खिताब हासिल करने दृढ़ इरादों के साथ मैदान पर उतरेगी।इस टूर्नामेंट का पहला सेमीफाइनल मैच मध्यप्रदेश और बंगाल के बीच खेला गया और यह मैच मध्यप्रदेश ने 174 रन से अपने नाम किया।
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बीच दूसरा सेमीफाइनल मैच ड्रॉ रहा, लेकिन पहली पारी में बढ़त के आधार पर मुंबई ने फाइनल में जगह बनाई। मुंबई रिकॉर्ड 47वीं बार फाइनल में पहुंची है। यह असल में मुंबई के योद्धाओं और मध्य प्रदेश के रणबांकुरों के बीच मुकाबला है जिसमें कोई भी टीम किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहेगी।
मध्य प्रदेश के मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित ने अपनी टीम को किसी चैंपियनशिप से कम पर समझौता नहीं करना सिखाया है, लेकिन सत्र के आखिर में अमोल मजूमदार की कोचिंग में खेल रहे मुंबई के खिलाड़ियों ने अधिक दबदबे वाला प्रदर्शन किया है। बंगाल के लिए मुकेश कुमार ने चार और शाहबाज अहमद ने तीन विकेट लिए। इसके जवाब में बंगाल की टीम 273 रन ही बना पाई।
यशस्वी जायसवाल ऐसे युवा खिलाड़ी हैं जो लंबी अवधि के प्रारूप को लेकर उतने ही गंभीर हैं जितना कि वह राजस्थान रॉयल्स की तरफ से आईपीएल में खेलने को लेकर हैं। पहले सेमीफाइनल मैच में मध्यप्रदेश ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया था और पहली पारी में 341 रन बनाए। हिमांशू मंत्री ने 165 रन की बेहतरीन पारी खेली और अक्षत रघुवंशी ने 63 रन बनाकर उनका साथ निभाया।