- Published by- @MrAnshulGaurav
- Thursday, July 07, 2022
लखनऊ। प्रदेश में बालिकाओं की स्वास्थ्य, शिक्षा की स्थिति को सुदृढ़ करने, लिंगानुपात के संकेतकों में सुधार करने और प्रदेश में बालिकाओं के जन्म के प्रति आम-जन में सकारात्मक सोच विकसित करने के उद्देश्य से 2019 में शुरू की गई महत्वकांक्षी, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में विभाग द्वारा 100 दिवसों के अंतर्गत 1.40 लाख नवीन पात्र बालिकाओं को जोड़ा गया तथा उनके खातों में लाभ की धनराशि भी अंतरित कर दी गई।
विभाग द्वारा निरंतर योजना के अंतर्गत लक्ष्य निर्धारित कर समयबद्ध तरीके से लाभार्थियों को जोड़ने हेतु प्रयास किये गये जिसके परिणामस्वरूप योजना के अंतर्गत मात्र 3 वर्षों में कुल 12.97 लाख बालिकाओं को इस योजना का लाभ दिया गया है। इनके बारे में आज महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 100 दिन में प्राप्त की गई उपलब्धियां सांझा करने हेतु आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान प्रदेश की माननीय मंत्री, महिला कल्याण एवं बाल विकास व पुष्टाहार बेबी रानी मौर्या द्वारा जानकारी दी गईं।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा नई सरकार के गठन के साथ ही अप्रैल से जून के मध्य 100 दिवसों में किये जाने वाले कार्यों को नियोजित रूप में करने हेतु लक्ष्य निर्धारित किये गये थे और हमारा उद्देश्य था कि हम ऐसे लक्ष्य बनायें जो लाभार्थियों को सीधे तौर पर लाभान्वित करें। उन्होंनें विभाग के अधिकारियों को बधाई देते हुये खुशी जताई कि सभी लक्ष्यों को समय से पहले ही प्राप्त भी कर लिया गया।
उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुये कहा कि सरकार महिलाओं के मुद्दों के प्रति संवेदित है और विपरीत परिस्थितियों में जीवनयापन कर रही महिलाओं का हर संभव सहायता पहुँचाने हेतु प्रयासरत है। विभाग द्वारा मात्र 3 माहों में 50 हजार ऐसी महिलाओं को चिन्हित किया जो 18 वर्ष से उपर की है और किन्हीं कारणों से अपने पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला की श्रेणी में हैं, ऐसी सभी महिलाओं को पेंशन देनेेे की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है।
मंत्री ने कहा इस योजना वर्ष 2016-17 में लाभार्थी महिलाओं की संख्या 17.31 लाख थी, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर अब 31.50 लाख हो गई है। अधिक से अधिक पात्र महिलाओं को योजना से जोड़ने हेतु लाभार्थी की वार्षिक आय सीमा बढ़ाकर 02 लाख रूपये किया तथा आयु की अधिकतम सीमा को समाप्त किया गया, जिसके फलस्वरूप हमारी सरकार के कार्यकाल में 14.19 लाख नवीन महिलाओं को जोड़ा गया है। योजना के अंतर्गत पेंशन की धनराशि को 500 से बढ़ाकर 1000 रू0/- प्रतिमाह किया गया। यह सरकार की महिलाओं के कल्याण हेतु प्रतिबद्धता को दर्शाता है।